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सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द कर औनेपौने दाम में बेचने के मामले में हाईकोर्ट सख्त

हाइकोर्ट ने बेशकीमती सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द कर औनेपौने दामों में बेचने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बिल्डरों व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 07:17 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 07:17 PM (IST)
सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द कर औनेपौने दाम में बेचने के मामले में हाईकोर्ट सख्त
सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द कर औनेपौने दाम में बेचने के मामले में हाईकोर्ट सख्त

नैनीताल, जेएनएन : हाइकोर्ट ने बेशकीमती सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द कर औनेपौने दामों में बेचने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए बिल्डरों व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि कैसे कोई सरकारी भूमि को खुर्दबुर्द कर ऐसे बेच सकता है ।

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पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार व जिला प्रशासन उधमसिंह नगर को नोटिस जारी कर पूरे मामले की जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा था, जिसके अनुपालन में आज सरकार ने अपनी रिपोर्ट के साथ विस्तृत जवाब दाखिल किया है। जिसमें कहा गया कि सरकारी लीज की जमीन पर बंदरबाट की गई है और कार्यवाही में 12 गांवों में फैली सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। जिस पर सुनवाई करते हुवे कोर्ट ने आज मामले में पक्षकार सभी बिल्डरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में काशीपुर निवासी शेर सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा है कि 1920 में बाजपुर के लाला खुशीराम दौसाव को करीब 4800 हेक्टेयर जमीन लीज पर दी गई थी जिसकी 2003 में लीज की समयावधि पूरी हो गई है तब से ना तो लीज ही बड़ी और ना ही पट्टा दिया गया और ना ही सरकार को जमीन वापस की बल्कि जमीन की श्रेणी को बदलकर बिल्डरों द्वारा 10 हजार लोगों को बेचा भी गया है ।

याचिकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में प्रार्थना की है कि पूरे मामले की जांच कराई जाय और कहा है कि बहुमूल्य सरकारी जमीन को इस तरह से बर्बाद किया जा रहा है जो कि नियमविरुद्ध है लिहाजा इसमे सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।


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