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हल्द्वानी के नालों की सफाई के लिए 12 लाख का बजट तो जारी हो गया, पर अब तक तीन नालों की ही साफाई

हर साल की तरह इस साल भी नगर निगम के अफसरों ने नाले साफ करने की रणनीति बनाई जिसके लिए 12 लाख का बजट भी तय किया गया।

By Edited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 06:32 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 10:20 AM (IST)
हल्द्वानी के नालों की सफाई के लिए 12 लाख का बजट तो जारी हो गया, पर अब तक तीन नालों की ही साफाई
हल्द्वानी के नालों की सफाई के लिए 12 लाख का बजट तो जारी हो गया, पर अब तक तीन नालों की ही साफाई

हल्द्वानी, जेएनएन : हर साल की तरह इस साल भी नगर निगम के अफसरों ने नाले साफ करने की रणनीति बनाई, जिसके लिए 12 लाख रुपये का बजट तय किया गया। दावा किया गया कि मानसून शुरू होने से पहले शहर भर के 15 छोटे-बड़े नालों को साफ किया जाएगा, मगर हालत ये है कि डेढ़ माह में अब तक तीन नालों की ही सफाई हो सकी है वो भी आधी-अधूरी।

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नालों की सफाई पर अब तक करीब ढ़ाई लाख रुपये खर्च हो गए। बची हुई रकम और दावा अब भी निगम अफसरों के खजाने में दफन है। मानसूनी सीजन शुरू हो चुका है। हर रोज अच्छी खासी बारिश भी हो रही है, जिससे शहर में हर तरह के नाले चोक हो रहे हैं। वार्डो की गलियां, आंतरिक सड़कें यहां तक की घरों तक में नालों का गंदा पानी और गंदगी भर रही है। निगम अफसरों की काहिली के कारण ही बीते सालों की तरह शहर डूबने को तैयार है।

अब जुलाई पहले हफ्ते का दावा

बरसाती नालों की सफाई के लिए बीते आठ मई को मेयर की अध्यक्षता में निगम अफसरों की बैठक हुई थी। निर्णय लिया गया था कि मानसून से पहले-पहले नालों की सफाई कर ली जाएगी। लॉकडाउन में सफाई कार्य लटका रहा। थोड़ी ढील मिलने के बाद उम्मीद थी कि सफाई तेजी से होगी, मगर अधिकांश नाले अब भी सफाई का इंतजार कर रहे हैं। अब निगम का दावा है कि जुलाई पहले सप्ताह में नाले साफ हो जाएंगे।

सफाई कर्मी तक नहीं

वार्ड 30 में कब्रिस्तान व नूरी मस्जिद के पास से होकर गुजरने वाला नाला सिरदर्द बना हुआ है। मानसूनी बारिश शुरू होते ही इन दोनों नालों ने भैरव गढ़ी, गौजाजाली आदि क्षेत्रों में काफी नुकसान किया है। सड़कों व रास्तों पर पड़ी नालों की गंदगी साफ करने वाला कोई नहीं है। पार्षद जाकिर हुसैन ने बताया कि यहां केवल दो सफाई कर्मचारी हैं। डायवर्जन तक नहीं हो सका हर साल बरसात में मुसीबत बन जाने वाले इंदिरानगर नाले के डायवर्जन को लेकर अब तक कोई खास कोशिश नहीं हो सकी। पहले सात करोड़ की डीपीआर बनाकर सिंचाई विभाग ने नाले के डायवर्जन से पल्ला झाड़ लिया। वहीं, निगम भी इस तरफ कुछ खास नहीं कर सका।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

वार्ड 59 के पार्षद रईस वारसी गुड्डू ने बताया कि वार्डो में सड़कों और नालियों की स्थिति अच्छी नहीं है। इंदिरानगर नाला हमेशा चोक हो जाता है। जिससे क्षेत्र की सड़कें, रास्ते गंदे पानी और कचरे से भरे रहते हैं। डॉ. मनोज कांडपाल नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि नालों की सफाई के लिए इस बार 12 लाख का बजट रखा गया है। जोनवार नालों की सफाई हो रही है। सभी नाले समय पर साफ कर लिए जाएंगे। नवल नौटियाल, एई नगर निगम ने बताया कि नालों की सफाई के लिए अब तक करीब ढाई लाख रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। जिससे तीन बड़े नाले साफ किए जा चुके हैं। जुलाई पहले सप्ताह में सभी नाले पूरी तरह साफ हो जाएंगे।

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