नगर निगम की दुकानों को नियम विरूद्ध बेचने के विरोध में कांग्रेसी लामबंद, बेमियादी धरना शुरू
नगर निगम की दुकानों के नियम विरूद्ध नामांतरण के विरोध में कांग्रेस ने हल्ला बोल दिया है। इस मामले में बुद्ध पार्क में अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को शुरू हो गया।
हल्द्वानी, जेएनएन : नगर निगम की दुकानों के नियम विरूद्ध नामांतरण के विरोध में कांग्रेस ने हल्ला बोल दिया है। महानगर कांग्रेस कमेटी के बैनर तले कांग्रेसियों ने इस मामले में बुद्ध पार्क में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने कोरोना काल में सैनिटाइजिंग खरीद और कार्यालय के बाहर पेंट से गोल घेरे बनाने में लाखों रुपये खर्च करने का हिसाब सार्वजनिक करने की मांग की है।
शनिवार को कांग्रेस नेता सुमित हृदयेश, महानगर अध्यक्ष राहुल छिमवाल, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष नरेंद्रजीत सिंह रोडू, महिला कांग्रेस महानगर अध्यक्ष पार्षद नीमा भट्ट, पार्षद रवि जोशी धरने पर बैठे। इस दौरान सुमित हृदयेश ने कहा नगर निगम भ्रष्टाचार का गढ बन चुका है। नियम विरूद्ध जाकर निगम की 155 दुकानों को बेच दिया गया, ऊपर से लाखों की स्टांप शुल्क की चोरी अलग। कोरोना आपदा के समय कार्यालयों के बाहर पेंट से गोले बनाने में एक लाख रुपये से अधिक खर्च कर दिया। राहुल छिमवाल ने कहा कांग्रेस संगठन गैर भाजपाई पार्षदों को साथ लेकर भ्रष्टाचार की इस लड़ाई को अंजाम तक ले जाएगा। निगम को घोटालों का खुलासा करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। निगम में नेता प्रतिपक्ष नरेंद्रजीत सिंह ने कहा कि निगम में विपक्षी पार्षदों की सुनवाई नहीं हो रही है। गैर भाजपाई पार्षदों की सुनवाई नहीं होती। उनके प्रस्तावों पर काम नहीं होता, जबकि लाखों रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं।
इन्होंने दिया धरने का समर्थन
पूर्व पालिकाध्यक्ष हेमंत बगड़वाल, पार्षद राजेंद्र जीना, रोहित कुमार, धर्मवीर डेविड, मो. गुफरान, तौफीक अहमद, हृदयेश कुमार, विधायक प्रतिनिधि जीवन कार्की, लच्छू भाई, शंकर कोहली, कमल मेहरा, राजेंद्र बिष्ट, हरीश जोशी, पूर्व सभासद शकील सलमानी, संध्या डालाकोटी, गुरप्रीत प्रिंस, गजेंद्र गोनिया, त्रिलोक सिंह कठायत, कौशलेंद्र भट्ट, लाल सिंह पवार, जीवन बिष्ट, प्रदीप बिष्ट, इशरत अली, अबू तस्लीम, उमेश बिनवाल, रवींद्र रावत, हॢषत जोशी, किरण डालाकोटी, कमला सनवाल आदि ने धरने को समर्थन दिया।
निगम प्रशासन पर दवाब
निगम में दुकानों को मनमाने ढंग के बेचने के बाद कांग्रेस के धरना प्रदर्शन से निगम प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। मामला शासन के संज्ञान में आने के बाद सहायक महानिरीक्षक निबंधन सुधांशु त्रिपाठी दुकानों को बेचने में स्टांप शुल्क चोरी की जांच कर रहे हैं। उन्होंने निगम से सौ से अधिक फाइलों को जांच के लिए मंगाया है। निबंधन विभाग की जांच से नगर निगम के मार्केटिंग अनुभाग के कर्मचारी और दुकानों को बेचने पर मुहर लगाने वाली कार्यकारिणी समिति में शामिल पार्षदों में दहशत का माहौल है।
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