डिजिटल युग में वर्चुअल कक्षाओं की जरूरत : प्रो. नेगी
उत्तराखंड मुक्त विवि में कंप्यूटर विज्ञान विद्याशाखा व कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया की ओर से पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
जासं, हल्द्वानी : यूओयू में कंप्यूटर विज्ञान विद्याशाखा व कॉमनवेल्थ एजुकेशनल मीडिया सेंटर फॉर एशिया नई दिल्ली की ओर से पांच दिवसीय ऑनलाइन फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यशाला आयोजित की गई है। असमें मूडल टूल के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने व ऑनलाइन असाइनमेंट को विकसित करने को लेकर चर्चा होगी।
पहले दिन शुक्रवार को कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने ऑनलाइन शिक्षा को लेकर यूओयू के प्रयासों की सराहना की। कहा कि एनआइसी की मदद से सभी डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को भी इस तरह के प्रशिक्षण दिए जाएंगे। छात्र हितों को ध्यान में रखकर परीक्षाएं भी कराई जाएंगी। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने कहा कि डिजिटल युग में वर्चुअल क्लासेज बेहद जरूरी हैं। उन्होंने विवि में आइटी अकादमी खोलने के लिए मंत्री से आग्रह किया। आयोजक प्रो. दुर्गेश पंत ने ऑनलाइन फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का महत्व बताया। डॉ. मानस रंजन पाणिग्रही, प्रो. मधु परहार, डॉ. जितेंद्र पाडे, आशुतोष टाक, मोनिका शर्मा, बालम दफौटी, डॉ. घनश्याम जोशी आदि इस मौके पर मौजूद रहे।
उधर कुमाऊं विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को प्री पीएचडी पाठ्यक्रम-2019 की परीक्षाओं का परिणाम घोषित कर दिया है। परीक्षा नियंत्रक प्रो. एचसीएस बिष्ट ने बताया कि छात्र-छात्राएं विवि की वेबसाइट में अनुक्रमांक, विषय, नाम, जन्मतिथि अंकित कर अंक तालिका पि्रंट आउट ले सकते हैं। निदेशक शोध प्रो. एमसी जोशी के अनुसार परीक्षा में करीब चार सौ छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। इंटरनल के अंक प्राप्त नहीं होने की वजह से करीब 70 छात्रों का परीक्षाफल रोका गया है। उन्होंने माना कि कॉलेजों द्वारा भेजे गए इंटरनल अंक से संबंधित दस्तावेज में खामियां हैं। उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है। साथ ही वेबसाइट में ऐसे छात्रों को सूचित भी किया गया है।