Move to Jagran APP

World Olympic Day : एसोसिएशनों के आपसी टकराव और सुविधा के अभाव ने मुश्किल की ओलंपिक की राह

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद भारत वाॅलीबाॅल तलवारबाजी हैंडबाॅल ताइक्वांडो जैसे खेलों में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 08:31 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 08:31 AM (IST)
World Olympic Day : एसोसिएशनों के आपसी टकराव और सुविधा के अभाव ने मुश्किल की ओलंपिक की राह
World Olympic Day : एसोसिएशनों के आपसी टकराव और सुविधा के अभाव ने मुश्किल की ओलंपिक की राह

हल्द्वानी, गणेश पांडे : दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद भारत वाॅलीबाॅल, तलवारबाजी, हैंडबाॅल, ताइक्वांडो जैसे खेलों में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाया है। हालांकि हाॅकी, शूटिंग, कुश्ती, बैडमिंटन जैसे खेलों ने देश के अपने प्रदर्शन को लगातार सुधारा है। बैडमिंटन में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान कायम की है। खेलों से जुड़े जानकार कहते हैं कि तलवारबाजी, ताइक्वांडो, कराटे और वाॅलीबाल जैसे खेतों में उत्तराखंड के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। एसोसिएशनों के बीच आपसी टकराव में खेल और खेल प्रतिभाओं का नुकसान होता है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के साथ उनका आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है।

loksabha election banner

 

अंतरराष्ट्रीय रेफरी कराटे महेंद्र सिंह भाकुनी ने बताया कि देश में राष्ट्रीय स्तर पर कराटे की कई एसोसिएशन काम कर हैं। विवादों के चलते किसी कराटे संगठन को भारतीय ओलंपिक संघ ने मान्यता नहीं दी है। आपसी विवादों को भूलकर देश व खिलाड़ियों के हित में काम किए जाए तो अच्छे खिलाड़ी निखरकर आएंगे। कराटे, ताइक्वांडो जैसी स्पर्धाओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को अपनी जेब से पैसे लगाने पड़ते हैं। सरकार खेलों को प्रोत्साहित करें तो हमारे खिलाड़ी निश्चित ही अच्छा कर सकते हैं।

उत्तराखंड फेंसिंग कोच प्रदीप कोठारी का कहना है कि तलवारबाजी यानी फेंसिंग में कई संभावनाएं हैं। पिछले दो-तीन वर्षों में भारतीय खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। साउथ एशियन गेम्स में हिमाचल की खिलाड़ी ने पांचवी रेंक हासिल की थी। फेंसिंग के इक्यूमेंट काफी महंगे आते हैं। कई बच्चे इन्हें नहीं खरीद पाते। भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता ने कुछ प्रयास किए हैं। जिला व प्रदेश स्तर पर बजट देने की बात हुई है। उम्मीद करनी चाहिए आगे देश का भविष्य अच्छा होगा।

पूर्व राष्ट्रीय खिलाडी वाॅलीबाल एके उपाध्याय ने बताया कि वाॅलीबाल के लिए हाइट एक मुख्य समस्या रही है। भारतीय टीम में सलेक्शन के लिए कम से कम 6 फुट तीन इंच हाइट मांगी जाती है। सरकार ने भी कम ही रुचि दिखाई है। इस कारण खिलाड़ियों का रुझान वाॅलीबाल की तरफ कम रहा है। एसोसिएशन की आपस की लड़ाई नहीं सुलझती। ऐसे में खेलों का बढ़ावा कैसे मिले। जब खेलों में भविष्य नजर आने लगेगा खिलाड़ी खुद आगे निकलकर आएंगे। आगे अच्छे की उम्मीद करनी चाहिए।

ओलंपिक खेलों का इतिहास

साल 1894 में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति का गठन हुआ और 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में पहले ओलंपिक गेम्स का आयोजन हुआ था। इन गेम्स में कुल खेल 43 स्पर्धाओं में 14 देशों के 241 एथलीट ने हिस्सा लिया। भारत ने पहली बार 1900 में पेरिस समर ओलंपिक में भाग लिया। ओलंपिक खेलों में अभी तक भारत के नाम कुल 28 पदक हैं।

हाईकोर्ट ने पूछा, केदारनाथ में शवों को ढूंढने को कौन से वैज्ञानिक तरीके इस्तेमाल किए जा सकते हैं 

अलकायदा एजेंट इनामुल का उत्तराखंड से भी कनेक्शन, पुलिस व खुफिया एजेंसियां कर सकती हैं पूछताछ 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.