सुशीला तिवारी के उपनल कर्मचारी प्रबंधन पर भड़के, बोले- नियमित स्टाफ को भी कोरोना की ड्यूटी में लगाया जाए
लगातार कोरोना से संबंधित ड्यूटी लगाए जाने से पेरशान होकर मेडिकल कॉलेज व सुशीला तिवाली अस्पताल के उपनल कर्मचारी प्रबंधन पर भड़क उठे।
हल्द्वानी, जेएनएन : लगातार कोरोना से संबंधित ड्यूटी लगाए जाने से पेरशान होकर मेडिकल कॉलेज व सुशीला तिवाली अस्पताल के उपनल कर्मचारी प्रबंधन पर भड़क उठे। सोमवार को कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर प्राचार्य प्रो. सीपी भैंसोड़ा का घेराव किया। उनहोंने कहा कि केवल हमें ही डयूटी परक्यों? नियमित स्टाफ को भी कोरोना की ड्यूटी में लगाया जाए। उन्होंने कहा कि मांगों पर यदि गंभीरता से विचार नहीं किया जाएगा तो कार्य बहिष्कार किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज के तहत करीब 719 उपनल कर्मचारी कार्यरत हैं। रविवार को करीब 80 कर्मचारी जब फिजिकल डिस्टेंसिंग को छोड़ प्राचार्य के पास पहुंचे तो हल्ला मच गया। कुछ देर तक प्रबंधन भी हैरत में पड़ गया। कर्मचारियों ने कहा कि हमारे साथ भेदभाव हो रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जबकि हम नियमित कोरोना से लेकर हर तरह की ड्यूटी क रहे हैं। रेगुलर स्टाफ को कोरोना से संबंधित ड्यूटी के लिए छूट दी जा रही है। इसके बाद जब उपनल कर्मचारी का किसी नियमित कर्मचारी से विवाद होता है तो सजा केवल उपनल कर्मचारी को दी जाती है। इस तरह के एकतरफा निर्णय न लिया जाए। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है।
यहां तक कि हम लोग कोरोना पॉजिटिव मरीज की मृत्यु होने पर भी डेड बॉडी को घाट तक पहुंचाते हैं। प्राचार्य ने ज्ञापन लिया और कहा कि इस मामले में तीन-चार दिन में आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद कर्मचारी मान गए और डॅयूटी में लौट गए। इस दौरान मोहन रावत, पूरन चंद्र भट्ट, भानु कैड़ा, तेजा बिष्ट, विनोद बिष्ट, चंदू कफलटिया, नरेश भट्ट, विजय रौतेला, नरेश रौतेला, मनीष रौतेला, गिरीश तिवारी, सतीश भट्ट, दीपा उप्रेती, उमा डांगी, पृथ्वी पटवाल, खेम राज साहू, भानु त्रिपाठी, मदन नौलीया,इंदर अधिकारी आदि शामिल रहे।
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