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गौला नदी में उपखनिज निकासी को फिर सर्वे

लालकुआं में अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के निर्देश पर सीएसआइआर की टीम ने सर्वे किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Feb 2020 08:19 AM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 08:19 AM (IST)
गौला नदी में उपखनिज निकासी को फिर सर्वे
गौला नदी में उपखनिज निकासी को फिर सर्वे

संस, लालकुआं : अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के निर्देश पर केंद्रीय मृदा जल संरक्षण अनुसंधान संस्थान (सीएसआइआर) की टीम ने गौला नदी में दो दिवसीय सर्वे शुरू कर दिया गया है। शनिवार को रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।

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बता दें कि सीएसआइआर द्वारा पूर्व में किए गए सर्वे के अनुसार गौला नदी में इस बार मात्र 18.45 लाख घनमीटर उपखनिज निकासी की ही अनुमति मिली थी। ऐसे में शासन ने 14 व 15 फरवरी को पुन: सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया। गौला पुल की सुरक्षा के लिए दोनों तरफ प्रतिबंधित क्षेत्र, हाथियों के आवागमन के लिए छोड़े गए ढाई किमी क्षेत्र के साथ ही गौला नदी के क्रास सेक्शन पांच से 13 में स्थगित की गई उपखनिज में निकासी की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी सीमांकित क्षेत्र के अलावा अवशेष क्षेत्रों में उपखनिज की उपलब्धता के संबंध में आख्या मांगी गई है। शुक्रवार को टीम ने गौला नदी के अधिकतम क्षेत्रों में सर्वे कर लिया है। शनिवार को बाकी क्षेत्रों में सर्वे कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। टीम में भूतत्व व खनन विभाग के एडिशनल डायरेक्टर एसएल पेट्रिक, खान अधिकारी रवि नेगी, वन विभाग के एसडीओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया, वन निगम के डीएलएम वाईके श्रीवास्तव व जीडी भट्ट समेत केंद्रीय मृदा जल संरक्षण अनुसंधान के वैज्ञानिक समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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..तो 15 दिन में बंद हो जाएगी गौला

गौला में चुगान की अनुमित नहीं बड़ी तो 15 दिन में बंद हो जाएगी गौला

मानसून को साढ़े चार माह लेकिन मात्र ढाई लाख घनमीटर का लक्ष्य ही बाकी

संस, लालकुआं : मानसून सत्र को आने में अभी साढ़े चार माह बचे हैं लेकिन गौला नदी में मिली उपखनिज निकासी की अनुमित में मात्र ढाई लाख घनमीटर ही बचा है। नियमित चुगान हुआ तो 10 से 15 दिन में गौला नदी बंद हो जाएगी।

बता दें कि गौला नदी में इस बार मात्र 18.45 लाख घनमीटर उपखनिज की ही अनुमति मिली थी। जिसमें से अभी तक 16 लाख घनमीटर उपखनिज की निकासी हो चुकी है। अनुमति के अनुरूप निकासी पूरी होते ही खनन कारोबार से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुडे़ हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे, वहीं सरकार को भी करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। ऐसे में खनन कारोबारियों की निगाहें सर्वे रिपोर्ट पर टिकी है।


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