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इकबालपुर चीनी मिल की दो लाख क्विंटल चीनी को नहीं मिल रहा खरीदार nainital news

हाई कोर्ट ने हरिद्वार के इकबालपुर चीनी मिल से जुड़े गन्ना किसानों का 217 करोड़ रुपये भुगतान नहीं करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर प्रबंधक से लिखित प्रस्ताव मांगा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 12:39 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 12:39 PM (IST)
इकबालपुर चीनी मिल की दो लाख क्विंटल चीनी को नहीं मिल रहा खरीदार nainital news
इकबालपुर चीनी मिल की दो लाख क्विंटल चीनी को नहीं मिल रहा खरीदार nainital news

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने हरिद्वार के इकबालपुर चीनी मिल से जुड़े गन्ना किसानों का 217 करोड़ रुपये भुगतान नहीं करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर प्रबंधक से लिखित प्रस्ताव मांगा है। सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी हरिद्वार ने शपथ पत्र देकर कहा कि मिल की दो लाख क्विंटल चीनी को खरीदार नहीं मिल रहा है। वहीं धनश्री चीनी मिल ने कोर्ट से चीनी की निलामी की अनुमति मांगी है और कहा है कि पूरी रकम हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार बैंक खाते में जमा करेंगे। कोर्ट ने धनश्री चीनी मिल को 18 फरवरी तक पूरक हलफनामा पेश करने के निर्देश दिए हैं।

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मंगलवार को मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी नितिन की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि हरिद्वार के इकबालपुर चीनी मिल में गन्ना किसानों का 2017-18 का 108 करोड़ और 2018-19 का 109 करोड़ रुपया बकाया है। सरकार के आदेश पर चीनी मिल को सॉफ्ट लोन के रूप 214 करोड़ रुपये बैंक से ऋण मिले हैं, जबकि जनता की जमाराशि को सॉफ्ट लोन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने यह भी मांग की है कि बकाया भुगतान करने के लिए जब्त चीनी की नीलामी की जाए। बता दें कि दिसंबर 2018 में राज्य सरकार ने डीएम हरिद्वार को चीनी मिल का रिसीवर नियुक्त कर मिल कब्जे में ले ली थी।

चीनी की निलामी कर किसानों का बकाया भुगतान के निर्देश भी दिए थे, मगर अब तक किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया गया। मंगलवार को कोर्ट में डीएम ने शपथ पत्र पेश कर कहा कि चीनी का खरीदार नहीं मिल रहा है तो इस पर धनश्री एग्रो मिल की ओर से खरीद का प्रस्ताव दिया गया। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकारी खरीद 31 रुपये प्रति किलो है, इससे कम में खरीद का दाम नहीं होना चाहिए। जिला प्रशासन की निगरानी में इस दाम पर मिल चीनी खरीदती है तो कोई आपत्ति नहीं है। कोर्ट ने मिल से अपना जवाब दाखिल करने के आदेश देते हुए अगली सुनवाई 18 फरवरी नियत कर दी।


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