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तस्करों का रास्ता रोकेगी वन विभाग की दीवार

हल्द्वानी में तस्करों की नदी में एंट्री रोकने लिए वन विभाग अब दीवार का सहारा ले रहा है। उन जगहों को चिह्नित किया जा रहा है जहां से अवैध रूप से नदी में प्रवेश कर उपखनिज चोरी किया जाता है। शीशमहल में दीवार निर्माण का काम शुरू हो चुका है। गोविंदग्राम गांव में खाई खुद चुकी है। वहां भी सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 06:40 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 06:40 AM (IST)
तस्करों का रास्ता रोकेगी वन विभाग की दीवार
तस्करों का रास्ता रोकेगी वन विभाग की दीवार

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: तस्करों की नदी में एंट्री रोकने लिए वन विभाग अब दीवार का सहारा ले रहा है। उन जगहों को चिह्नित किया जा रहा है जहां से अवैध रूप से नदी में प्रवेश कर उपखनिज चोरी किया जाता है। शीशमहल में दीवार निर्माण का काम शुरू हो चुका है। गोविंदग्राम गांव में खाई खुद चुकी है। वहां भी सुरक्षा दीवार बनाई जाएगी।

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रेंज व एसओजी टीम की मुस्तैदी के बावजूद तस्कर नदी से रेत चोरी करते रहते हैं। शीशमहल व गौला बाइपास के रास्तों से घोड़ों को नदी में उतार उपखनिज निकाला जाता है। इसके बाद जगह-जगह ढेर लगाकर डंपर आदि से उपखनिज ठिकाने लगा दिया जाता है। गौला रेंजर आरपी जोशी ने बताया कि चेकिंग के दौरान शीशमहल व इंदिरानगर बाइपास स्थित पुल के आसपास शिकायत ज्यादा मिल रही थी। जिसके बाद वन विभाग ने शीशमहल स्थित गैस गोदाम के बगल से निकलने वाले चोर रास्ते पर दीवार खड़ी कराने का काम शुरू करवाया दिया है। रेंजर जोशी के मुताबिक गोविंदग्राम क्षेत्र में फिलहाल खाई खुदवाकर वनकर्मियों को पुल क्षेत्र की सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं। जल्द वहां भी दीवार खड़ी कर दी जाएगी।

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डीएफओ ने कठियापुल गेट पर नदी में पकड़े 40 वाहन

संस, रामनगर : उपखनिज निकासी के लिए गए वाहन छापामारी के दौरान निर्धारित समय सीमा के बाद भी नदी में पाए गए। वनाधिकारियों के छापे के बाद वाहन चालकों में हड़कंप मच गया। अवैध खनन की आशका को देखते हुए वन विभाग के निर्देश पर वन निगम ने इन वाहनों को खनन कार्य से हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

मंगलवार को डीएफओ हिमाशु बागरी ने रेंजर संतोष पंत के साथ तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत कठियापुल खनन गेट पर नदी में चेकिंग के लिए गए। इस दौरान निर्धारित अवधि पाच बजे के बाद भी करीब 40 वाहन नदी क्षेत्र में पाए गए। वाहन चालकों ने नदी में वाहन देर तक रहने के पीछे अलग-अलग वजह बताई। वन विभाग को आशका थी कि वाहन चोरी छिपे जंगल के चोर रास्तों से नदी से बाहर उपखनिज लेकर चले जाते है। इसके बाद वह उसी चोर रास्तों से दोबारा नदी में पहुच जाते है। जिस वजह से चालक देर तक नदी से बाहर नहीं आ पाते है। डीएफओ बागरी ने इन वाहनों पर कार्रवाई के लिए वन निगम के डीएलएम अनीस अहमद को दिए। डीएलएम ने बताया कि 40 वाहनों को नदी से बाहर कर दिया गया है। इन वाहनों को खनन कार्य से बाहर कर दिया जाएगा। इसके बाद खनन समिति की बैठक में इन वाहनों का पंजीकरण निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।


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