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शिकायतकर्ता के मुकरने से रिश्‍वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हाेने वाला ऊर्जा निगम का जेई बरी nanital news

जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण राजीव खुल्बे की कोर्ट ने नलकूप में बिजली कनेक्शन लगाने के एवज मेें रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गए ऊर्जा निगम के बरी किया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 08:57 AM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 08:57 AM (IST)
शिकायतकर्ता के मुकरने से रिश्‍वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हाेने वाला ऊर्जा निगम का जेई बरी nanital news
शिकायतकर्ता के मुकरने से रिश्‍वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हाेने वाला ऊर्जा निगम का जेई बरी nanital news

नैनीताल, जेएनएन : जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण राजीव खुल्बे की कोर्ट ने रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े गए ऊर्जा निगम के अवर अभियंता को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया है। कोर्ट के फैसले से विजिलेंस की एक बार फिर किरकिरी हुई है। दरअसल शिकायतकर्ता ने विजिलेंस हल्‍द्वानी में शिकायत की थी कि जेई नलकूप के लिए कनेक्‍शन देने के लिए रिश्‍वत की मांग कर रहा है। जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने प्‍लान बनाकर जेई को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

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प्रारंभिक जांच में सही मिला था आरोप

गदरपुर निवासी रमेश चंद्र आर्य ने 13 जुलाई 2016 को विजिलेंस हल्द्वानी के एसपी को शिकायती पत्र भेजा था, जिसमें कहा था कि उसके द्वारा सिंचाई के लिए खेत में नलकूप लगाया है। उसमें बिजली कनेक्शन लगाने के एवज में जेई रोशन से मिला तो उन्होंने कनेक्शन का साढ़े आठ हजार शुल्क के साथ ही दस हजार रिश्वत की मांग की है। कनेक्शन लगाने के तीन दिन तक रिश्वत की रकम नहीं मिली तो जेई ने कनेक्शन काट दिया।

रंगेहाथ विजिलेंस टीम ने जेई को किया था गिरफ्तार

प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर अगले दिन विजिलेंस की टीम ने विद्युत वितरण उपखंड गदरपुर ऊधमसिंह नगर में तैनात जेई आशीष काला निवासी मावाकोट, थाना कोटद्वार, जिला पौड़ी गढ़वाल को दस हजार रिश्वत लेते रंगेहाथों  गिरफ्तार कर लिया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने के बाद कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। अभियोजन की ओर से आरोप साबित करने के लिए नौ गवाह पेश किए। जबकि शिकायतकर्ता शिकायती पत्र में बताई गई कहानी से मुकर गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने यह भी दलील दी कि बिजली कनेक्शन देने की शक्ति जेई को नहीं बल्कि उपखंड अधिकारी को है। जिसके बाद कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए जेई को दोष मुक्त करार दिया।

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