डीएनए मैच होने पर दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा
गवाही के दौरान पीड़िता के मुकरने के बावजूद दुष्कर्म का आरोपी बच नहीं पाया। डीएनए मैच करने पर अदालत ने उसे दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
हल्द्वानी, [जेएनएन]: न्यायालय के समक्ष गवाही के दौरान दुष्कर्म पीड़ित छात्रा के मुकरने के बावजूद डीएनए मिलना आरोपी को सजा दिलाने का आधार बना। न्यायालय ने दुष्कर्म का दोषी ठहराते हुए एक युवक को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। वहीं छात्रा को बहला-फुसलाकर जंगल ले गए युवक को भी पॉक्सो अधिनियम में चार साल की सजा सुनाई गई है। दो युवकों को साक्ष्यों के अभाव में न्यायालय ने बरी किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि 25 मई 2016 को गौजाजाली क्षेत्र के एक व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और अश्लील वीडियो बनाने के आरोप में बनभूलपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
इस मामले में दीपक उर्फ दीपू पुत्र त्रिलोक सिंह निवासी लोहना, पभाऊ, लमगड़ा, महेश उर्फ मैसी उर्फ मल्केश निवासी अशोक कुमार निवासी आंवलागेट, गोलू उर्फ रजत दीक्षित पुत्र कमल कांत निवासी चौधरी कॉलोनी व मुकेश कुमार पुत्र महेंद्र सिंह निवासी आंवला गेट समेत दो अन्य नाबालिग किशोरों को गिरफ्तार किया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रीतु शर्मा की अदालत ने महेश उर्फ मैसी को 20 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये की सजा सुनाई है। इसके अलावा दीपक को चार साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
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