हरिद्वार के गांव में भ्रष्टाचार पर हाई कोर्ट सख्त
हाई कोर्ट ने हरिद्वार जिले के राम बढ़ेढ़ी गांव में महिला ग्राम प्रधान उसके पति व ग्राम पंचायत सदस्य के सरकार आबंटित बजट में भ्रष्टाचार पर सख्त रवैया अपनाया है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने हरिद्वार जिले के राम बढ़ेढ़ी गांव में महिला ग्राम प्रधान व उसके पति के सरकार आवंटित बजट में भ्रष्टाचार पर सख्त रवैया अपनाया है। कोर्ट ने मामले में ग्रह सचिव व एसएसपी हरिद्वार को स्वत: संज्ञान लेकर पक्षकार बना दो दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा है कि ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार अब सीज क्यों नहीं किए गए।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हरिद्वार निवासी मांगेराम सैनी की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में बताया है कि ग्राम पंचायत राम बढ़ेढी के अधीन तीन गांव आते हैं। ग्राम प्रधान, उसके पति तथा ग्राम पंचायत सदस्य ने पंचायत को आवंटित बजट में घपला किया गया है। पिछले साल प्रधान व उसके पति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, मगर आज तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। पता करने में जानकारी मिली कि जांच की फाइल विशेष जांच दल के दफ्तर में पड़ी है। याचिकाकर्ता द्वारा जिलाधिकारी को प्रत्यावेदन देकर भ्रष्टाचार की जांच की मांग की गई। कहा कि प्रधान व उसके पति के भ्रष्टाचार की वजह से हर व्यक्ति प्रभावित है। डीएम ने एसएसपी हरिद्वार को किसी वरिष्ठ अधिकारी से जांच करने को कहा था तो पुलिस अधिकारी ममता बोरा को जांच सौंपी गई। जांच के दौरान अभिलेखों के परीक्षण में पाया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनने वाले शौचालयों में भारी अनियमितता की गई है। गांव के कब्रिस्तान की दीवार की मरम्मत में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है। ग्राम प्रधान द्वारा चोरी से गांव की बिजली की लाइन से बिना अनुमति कनेक्शन लिया गया। मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने ग्रह सचिव, एसएसपी हरिद्वार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।