पेयजल लाइन बंद, थमा दिया 70 हजार का बिल
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: सालों पहले बंद हो चुकी पेयजल लाइन का बिल जल संस्थान अब फिर से भेज रहा है
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: सालों पहले बंद हो चुकी पेयजल लाइन का बिल जल संस्थान अब फिर से भेज रहा है। गौलापार की लछमपुर ग्राम पंचायत के काश्तकारों का कहना है कि पूर्व में समझौते के तहत पैसा जमा करवाया गया था। सालों तक जल संस्थान चुप रहा, लेकिन अब अचानक नोटिस भेज पैसा जमा करने को दबाव बनाया जा रहा है। दस हजार से 70 हजार तक बिल बना दिया गया है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।
ग्राम प्रधान तनुजा पांडे ने बताया कि सालों पहले जल संस्थान निमुवा स्रोत से पानी की सप्लाई करता था। बाद में लाइन डैमेज होने से पानी आना बंद हो गया। इसके बाद 2010 में स्वैप योजना के बने नलकूप से आपूर्ति शुरू कर ग्रामीणों की समस्या का समाधान किया गया। इससे पूर्व पुरानी लाइन का बिल समझौते के जरिये कम कराकर भरा गया। उस दौरान विभाग ने पुराने कनेक्शन नहीं काटे। अब जल संस्थान ने नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। नोटिस में कहा गया है कि कनेक्शन का बिल लंबे समय से नहीं भरा गया। लिहाजा, रिकवरी की जाएगी। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि जब पूर्व में बंद हो चुकी लाइन का बिल भरा जा चुका है तो ऐसे में फिर से हजारों की रिकवरी निकालना काश्तकारों का उत्पीड़न है। अफसरों के समक्ष मामले को उठाया जाएगा।
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश पांडे ने जल संस्थान के पुराने लेटर का हवाला देते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क बनाने के दौरान लाइन को जगह-जगह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जिस वजह से साल 2005 से आपूर्ति बंद हो गई। 2010 में स्वैप से सप्लाई हुई। लिहाजा 2005 से अब तक का जलमूल्य कम किया जाएगा। छह साल पहले जब समझौते के तहत बिल का भुगतान किया गया था। तब यह लेटर जारी हुआ था।