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रेडियो कॉलर बताएगा हमलावर बाघ की लोकेशन

संवाद सहयोगी, रामनगर : कॉर्बेट पार्क में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बन

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 02:22 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 02:22 PM (IST)
रेडियो कॉलर बताएगा हमलावर बाघ की लोकेशन
रेडियो कॉलर बताएगा हमलावर बाघ की लोकेशन

संवाद सहयोगी, रामनगर : कॉर्बेट पार्क में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बने हमलावर बाघ की अब रेडियो कॉलर के जरिये निगरानी की जाएगी। कॉर्बेट प्रशासन ने बाघ के गले में रेडियो कॉलर पहनाने के लिए उसकी खोजबीन शुरू कर दी है। बाघ को ट्रेंकुलाइज कर रेडियो कॉलर लगाया जाएगा। कॉर्बेट पार्क में पहली बार किसी बाघ को रेडियो कॉलर लगाया जाएगा।

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कॉर्बेट पार्क के ढिकाला जोन के अंतर्गत मोटासाल क्षेत्र में बाघ ने पिछले साल नवम्बर माह में गश्त कर रहे एक वनकर्मी को मार डाला था। बीते अक्टूबर माह में भी बाघ ने एक दैनिक श्रमिक को मार डाला था। इससे कॉर्बेट पार्क में गश्त कर रहे वनकर्मियों को फिर से हमले का डर सताने लगा। बाघ के हमलावर रुख से कॉर्बेट प्रशासन को भी पार्क में सफारी पर जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा की चिंता सताने लगी। यह मामला महकमे के उच्चाधिकारियों तक पहुंचा। अधिकारियों से दिशा निर्देश मिलने के बाद कॉर्बेट प्रशासन ने सोमवार से हमलावर बाघ को पकड़ने की कवायद शुरू कर दी। बाघ को पकड़ने के लिए चार हाथियों की मदद से वन कर्मी उसकी लोकेशन तलाश रहे हैं। इसके अलावा ग्राउंड स्तर पर भी एक टीम बनाई गई है। यह टीम बाघ की लोकेशन मिलने पर पशु चिकित्सक के साथ मौके पर पहुंचकर उसे टेंकुलाइज करेगी।

सीटीआर के निदेशक राहुल ने बताया कि यदि बाघ अस्वस्थ या कमजोर होगा तो उसे चिड़ियाघर में रखा जाएगा। स्वस्थ मिलने पर बाघ को पकड़ने के बाद सतर्कता के लिए उसके गले में रेडियो कॉलर लगाया जाएगा। रेडियो कॉलर लगाने के बाद उसे फिर से जंगल में छोड़ दिया जाएगा। रेडियो कॉलर के जरिये कॉर्बेट प्रशासन को उसकी लोकेशन मिलती रहेगी। यदि बाघ की लोकेशन पर्यटकों के घूमने के निर्धारित स्थलों के आसपास होगी तो वनकर्मी सचेत हो जाएंगे। इसके बाद वह पर्यटकों की सुरक्षा बढ़ाते हुए बाघ को वहा से दूर करने की कार्रवाई करेंगे। इतना ही नहीं बाघ की लोकेशन वाली जगह परं गश्त के दौरान वन कर्मी सतर्कता के साथ आवश्यक उपाय करके गश्त कर सकेंगे।

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बाघ को ढूंढने में आ रही हैं मुश्किलें

रामनगर: बाघ को हाथियों से ढूंढने में वन कर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि ग्रासलैंड में घास व झाड़िया हाथियों से भी ऊंची है। ऐसे में यदि बाघ वहा छिपा भी होगा तो वह वनकर्मियों की नजर में नहीं आ पा रहा है। इतना ही नहीं बाघ हाथियों पर हमलावर भी हो सकता है।


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