भोजनमाताओं ने किया प्रदर्शन
जासं, नैनीताल : धुएं से मुक्त करने, स्थायी काम का स्थायी रोजगार देने, न्यूनतम वेतनमान 18 हजार देने स
जासं, नैनीताल : धुएं से मुक्त करने, स्थायी काम का स्थायी रोजगार देने, न्यूनतम वेतनमान 18 हजार देने समेत अन्य मांगों को लेकर जिले की भोजनमाताओं ने जिला मुख्यालय में हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि भोजनमाताओं का उत्पीड़न बंद किया जाए और उन्हें प्रसूति अवकाश दिया जाए।
सोमवार को प्रगतिशील भोजनमाता संगठन के बैनर तले जिले के साथ ही काशीपुर, पंतनगर की भोजनमाताएं तल्लीताल गांधी प्रतिमा के समीप एकत्र हुई और मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की, फिर जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए कमिश्नरी पहुंची। संगठन की प्रदेश महामंत्री रजनी जोशी ने कहा कि जिले के आठ सौ से अधिक सरकारी स्कूलों में भोजनमाताएं जंगल में लकड़ी का इंतजाम कर धुएं में खाना बना रही हैं, मगर सरकार उज्ज्वला योजना का ढोल पीट रही है। संगठन की अध्यक्ष हंसी गरजौला, संयुक्त संगठन मंत्री हंसी गौड़, संरक्षक लीला शर्मा ने कहा कि भोजन माता से भोजन बनाने के साथ ही सफाई व दूसरे काम करवाए जा रहे हैं। लकड़ी से खाना बनाने की वजह से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। अन्य वक्ताओं ने कहा कि तमाम शिक्षक भी भोजनमाताओं का उत्पीड़न व शोषण कर रहे हैं, जिसे बंद किया जाए।उन्होंने कहा कि भोजनमाताओं का उत्पीड़न बंद किया जाए और उन्हें प्रसूति अवकाश दिया जाए। उन्होंने चेताया कि यदि मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस दौरान इंकलाबी मजदूर केंद्र, परिवर्तनकॉमी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकारी संगठन समेत जानकी पांडे, लक्ष्मी थापा, भगवती, नीता, नंदी, तारा, गंगा, शीला, नसीम, हेमा, चम्पा, इंद्रा, खीमानंद, उमेश चंदोला, नीता, दिनेश समेत अन्य थे। सभा के बाद कमिश्नर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।