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देहरादून में ढाई सौ एकड़ भूमि पर हुआ अतिक्रमण, डीएम ने हाई कोर्ट में दिया हलफनामा

हाई कोर्ट ने देहरादून में अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर जिलाधिकारी व सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 11:03 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 11:03 AM (IST)
देहरादून में ढाई सौ एकड़ भूमि पर हुआ अतिक्रमण, डीएम ने हाई कोर्ट में दिया हलफनामा
देहरादून में ढाई सौ एकड़ भूमि पर हुआ अतिक्रमण, डीएम ने हाई कोर्ट में दिया हलफनामा

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने देहरादून में अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर जिलाधिकारी व सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। वहीं पूर्व के एक आदेश के तहत बुधवार को न्यायालय में पेश हुए देहरादून के डीएम सी. रविशंकर ने माना है कि देहरादून में ढाई सौ एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। 

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बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में दून नगर निगम की पार्षद उर्मिला थापा की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें उन्होंने कहा है कि दून में लोगों ने रिस्पना, बिंदल नदी के किनारे अतिक्रमण किया है। साथ ही नदी में बने चाल-खाल पर भी अतिक्रमण कर उसकी सूरत बिगाड़ दी है, जिससे आने वाले समय में बाढ़ की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि लोगों ने नदी के आसपास के हजारों हरे पेड़ काट दिए हैं, जिससे आने वाले समय में स्थानीय लोगों के सामने पर्यावरण का बड़ा खतरा भी पैदा हो सकता है। केदारनाथ जैसी आपदा आ सकती है, लिहाजा अतिक्रमण हटाया जाए और बेतहाशा हो रहे पेड़ों का कटान रोका जाए। मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने डीएम व सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।


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