महिला काे अपना शिकार बना चुके आदमखोर तेंदुए को पकड़ने के लिए पौड़ी से पहुंचे शिकारी
विगत एक पखवाड़े से अधिक समय से नगर सहित आसपास के लगे गांवों में आतंक बने तेंदुआ को पकडऩे की मुहिम प्रारंभ हो चुकी है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : विगत एक पखवाड़े से अधिक समय से नगर सहित आसपास के लगे गांवों में आतंक बने तेंदुआ को पकडऩे की मुहिम प्रारंभ हो चुकी है। एक महिला को अपना शिकार बना चुके गुलदार को पकडऩे और मारने के प्रतिपालक वन्य जीव संरक्षक से आदेश जारी हो चुके हैं। पौड़ी से शिकारी भी पिथौरागढ़ पहुंच चुके हैं। शिकारियों ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ तेंदुआ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया।
पिथौरागढ़ नगर सहित इससे लगे गांवों में विगत लंबे समय से तेंदुआ का आतंक बना हुआ है। दो तेंदुए तो नगर में मकानों में तक घुस गए थे। गत तीन सितंबर को तेंदुए ने नगर से सटे पपदेव गांव में एक महिला को मार दिया। नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में तेंदुए नजर आ रहे हैं। तेंदुए के नरभक्षी होते ही जनता द्वारा इसे पकडऩे या मारने की मांग की जा रही है। इस मामले को लेकर जनता प्रदर्शन भी कर चुकी है। वन विभाग द्वारा इसकी रिपोर्ट भेजी गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर तेंदुए को पकडऩे के लिए शिकारी तैनात कर दिए गए हैं।
वन रेंजर दिनेश जोशी ने बताया कि प्रथम चक्र में तेंदुए को पिंजड़े में कैद करने का प्रयास किया जाएगा। पिंजड़े में नहीं आने पर उसे मारने के आदेश हैं। उन्होंने बताया कि यह अभियान एक माह तक चलेगा। इस दौरान सर्वप्रथम नरभक्षी बन चुके तेंदुए को पता लगा जाएगा। इस क्षेत्र में अन्य तेंदुए भी सक्रिय हैं। नरभक्षी का पता चलते ही उसे पिंजड़े में कैद करने का प्रयास होगा। उन्होंने बताया कि पौड़ी निवासी शिकारी जॉय हुकिंग अपने दो सहायकों के साथ पिथौरागढ़ पहुंच चुके हैं। रविवार को शिकारियों ने वन विभाग की टीम के साथ नगर से सटे जंगलों में गश्त लगाई। शिकारी अब अपना प्रयास कर रहे हैं।
तेंदुए ने कुत्ते को बनाया निवाला
शनिवार की रात्रि नगर के मध्य खड़कोट वार्ड के जीआइसी रोड क्षेत्र में तेंदुए ने घर के आगे कुत्ते और उसके बच्चों को मार डाला। रात्रि तीन बजे के आसपास तेंदुए नगर में घुसा और अशोक चौहान के घर के आगे खेत में रहने वाले एक कुत्त्ते और उसके पिल्लों को मार डाला। जिसे लेकर लोगों में दहशत बनी है। तेंदुए की दहशत से लोग सांझ ढलते ही घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। खड़कोट वार्ड के सभासद किशन खड़ायत ने बताया कि गुलदार के भय से सुबह और शाम घूमने वालों की संख्या काफी कम हो चुकी है। शिकारियों ने भी इस स्थान पर पहुंच कर निरीक्षण किया। प्रभावित क्षेत्र के लोगों के अनुसार तेंदुए काफी बड़ा है।
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