होटल-रिसॉर्ट बचाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेनी होगी अनुमति, खर्च होंगे सिर्फ एक से दस हजार
मैदान से लेकर पहाड़ तक संचालित होने वाली होटल-रिसॉर्ट इंडस्ट्री को बरकरार रखने के लिए इनके मालिकों को सिर्फ एक से दस हजार रुपये खर्च करने होंगे।
हल्द्वानी, जेएनएन : मैदान से लेकर पहाड़ तक संचालित होने वाली होटल-रिसॉर्ट इंडस्ट्री को बरकरार रखने के लिए इनके मालिकों को सिर्फ एक से दस हजार रुपये खर्च करने होंगे। दरअसल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पांच सौ होटलों की लिस्ट जुटाई है। जिनके पास बोर्ड की अनुमति नहीं है या फिर लाइसेंस का रिन्यूवल नहीं करवाया गया है। पीसीबी ने पर्यटन और अन्य विभागों से डाटा जुटाने के लिए मदद मांगी है। नोटिस मिलने के 15 दिन में अगर लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया जाता तो बोर्ड मुख्यालय से कार्रवाई के आदेश जारी होंगे।
कुमाऊं में पर्यटन के जरिये हजारों लोगों का रोजगार चलता है। बड़ी संख्या में यहां होटल व रिसॉर्ट संचालित हैं। इनके संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है। बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके चतुर्वेदी ने बताया कि लगातार रिकॉर्ड चेक कर देखा जा रहा है कि किन कारोबारियों के लाइसेंस नहीं हैं या फिर रिन्यूवल नहीं कराए गए। कुछ डाटा पर्यटन विभाग से भी मिला है। करीब पांच सौ लोगों को प्रथम चरण में चिह्नित कर इनका पता निकलवाया जा रहा है। नोटिस रिसीव होने के बाद सिर्फ 15 दिन का समय संचालकों को दिया जाएगा। वहीं आरके चतुर्वेदी, क्षेत्रीय प्रबंधक पीसीबी ने कहा कि पर्यटन विभाग समेत अन्य जगहों से डाटा जुटा रहे हैं। कुछ नोटिस तैयार भी हो चुके हैं। उसके बाद भी लाइसेंस न लेने पर बोर्ड मुख्यालय को रिपोर्ट भेज संचालन बंद करने की अनुमति मांगी जाएगी।
होटल उद्योग के रजिस्ट्रेशन व रिन्यूवल की दर
कमरों की संख्या रजिस्ट्रेशन शुल्क सालाना रिन्यवूल
20 रूम पर 2000 1000
21 से 50 रूम 7500 5000
51 से सौ रूम 10000 7500
101 से ज्यादा 15000 10000
धर्मशाला व आश्रम की दर
कमरों की संख्या रजिस्ट्रेशन शुल्क सालाना रिन्यूवल
20 रूम 1000 500
21 से 50 रूम 3000 1500
51 से 100 5000 2500
101 से उपर 15000 5000
जंगल कैपिंग पर भी लगेगा नियम
इन दिनों जंगल कैंपिंग का काम तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है। पहाड़ में नदी और हाइट वाले इलाकों में कैपिंग का आनंद लेने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। पीसीबी के मुताबिक इन्हें भी लाइसेंस लेना जरूरी है।
सीवर और धुआं जांचा जाता
पीसीबी के मुताबिक बोर्ड की अनुमति पाने के लिए आवेदन करने के बाद निरीक्षण किया जाता है। होटल व रिसोर्ट में इस्तेमाल के बाद बचे पानी को कहां छोड़ा जाता है। यह देखा जाता है। इसके अलावा किचन से निकलने वाले धुएं की मात्रा भी जांची जाती है।