सुपोषण की जंग : पाठशाला के गार्डन से पोषाहार की पाकशाला
बच्चे मध्याह्न भोजन में स्कूल के किचन गार्डन में उगाई जा रही पौष्टिकता से भरपूर हरी सब्जियों का भी स्वाद ले रहे है।
गरुड़(बागेश्वर) जेएनएन : राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रौल्याना की कुपोषण से जंग अब रंग लाने लगी है। यहां पढऩे वाले बच्चे मध्याह्न भोजन में स्कूल के किचन गार्डन में उगाई जा रही पौष्टिकता से भरपूर हरी सब्जियों का भी स्वाद ले रहे है। साथ ही अब यह स्कूल अपने नवाचार के लिए भी अन्य सरकारी स्कूलों के लिए एक नजीर बन गया हैं। गरुड़ ब्लाक के सुदूरवर्ती राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रौल्याना अपने अभिनव प्रयोग से चर्चा में है। स्कूल में 35 बच्चे पढ़ते है। करीब तीन साल पहले शिक्षकों और अभिभावकों की मदद से स्कूल में ही किचन गार्डन तैयार किया गया। इसका उद्देश्य यहां पढऩे वाले बच्चों को पौष्टिक व ताजी सब्जियां उपलब्ध कराना था। इसके लिए शिक्षकों ने स्कूल में क्लाइमेट के अनुसार सब्जियां उगाना शुरु किया। थोड़े समय बाद ही परिणाम भी दिखाई देने लगे।
यहां लौकी, कद्दू, तुरई आदि बहुतायत में होने लगा। यह सब्जियां कैल्शियम, आयरन व प्रोटीन से भरपूर होती है। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने इसका उपयोग मध्याह्न भोजन के लिए करना शुरु किया। जिसके बाद अब लगातार बच्चों को स्कूल में दाल-चावल के साथा पौष्टिकता से भरपूर हरी सब्जियों का स्वाद भी मिलने लगा। शिक्षक इसके साथ स्कूली बच्चों को मौसम के अनुसार बीजों की जानकारी और उसके संरक्षण के बारे में भी जानकारी देते है। जिससे साल भर किचन गार्डन का उपयोग किया जा सके। प्रधानाध्यापक नीरज पंत ने बताया कि इस तरह के नवाचार स्कूल में होते रहने चाहिए। यहां पढऩे वाले अधिकतर बच्चे गरीब पृष्ठभूमि के है। अगर हम एक समय उनको पौष्टिक खाना उपलबध करा दें तो यह उनके तन और मानसिक विकास के लिए काफी लाभदायक होगा। इसके अलावा सामूहिक जन्मोत्सव, दीवार पत्रिका, आदि नवाचार भी किए जाते हैं।
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