स्वास्थ्य सेवा : एसटीएच का अधूरा स्टाफ झेल रहा डेंगू का बोझ NAINITAL NEWS
एसटीएच में आधे स्टाफ पर ही लगातार बढ़ रहे मरीजों का पूरा बोझ है। लंबे समय से 122 नर्सो के पद खाली हैं जिसकी वजह से एक नर्स को कई बार एक वार्ड के अतिरिक्त भी काम देखना पड़ता है।
हल्द्वानी, जेएनएन : एसटीएच में आधे स्टाफ पर ही लगातार बढ़ रहे मरीजों का पूरा बोझ है। लंबे समय से 122 नर्सो के पद खाली हैं, जिसकी वजह से एक नर्स को कई बार एक वार्ड के अतिरिक्त भी काम देखना पड़ता है। इस समय 100 से अधिक मरीज केवल बुखार व डेंगू के भर्ती हैं। इसके बावजूद शासनस्तर पर भी नई नियुक्तियों की कोई चर्चा नहीं है। मेडिसिन विभाग में भी एक तिहाई डॉक्टर नहीं हैं। 342 नर्स होनी चाहिए थीं कार्यरत एसटीएच में 342 नर्सो के पद हैं, लेकिन इसके सापेक्ष केवल 220 नर्स ही कार्यरत हैं। 122 पद रिक्त होने से वार्डो में काम प्रभावित हो रहा है। कई नर्सो पर अतिरिक्त काम का बोझ पड़ रहा है।
बुखार व डेंगू के लिए बेड बढ़ाए वायरल फीवर व डेंगू का प्रकोप तेज होने की वजह से एसटीएच ने मेडिसिन विभाग में बेड बढ़ाकर इसकी संख्या 100 कर दी है, मगर ये सभी बेड फुल हैं। कई बार एक बेड पर दो-दो मरीजों को भी भर्ती कर दिया जा रहा है। आठ की जगह केवल एक असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के पद भरे हैं, लेकिन जहां आठ असिस्टेंट प्रोफेसर होने चाहिए थे, वहां केवल एक ही कार्यरत हैं। सीनियर रेजिडेंट के भी चार पद रिक्त हैं। डॉ. सीपी भैंसोड़ा, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी ने बताया कि जूनियर रेडिजेंट के पद भरे होने से मरीजों को राहत मिल जा रही है। अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज का बेहतर इलाज किया जा रहा है। इस समय बुखार के रोगी अधिक हैं। इसलिए आसानी से मैनेज हो जा रहा है। डॉक्टरों की नियुक्तियां हुई हैं। नर्सो की नियुक्तियों के लिए भी शासन स्तर से प्रक्रिया होनी है।
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