बलियानाला में खतरे की संवेदनशीलता जांचने के लिए इसरो की टीम पहुंची, शुरू हुई मैपिंग NAINITAL NEWS
उत्तराखंड की मित्र पुलिस की कार्यप्रणाली फिर सवालों के घेरे में हैं। श्रीनगर गढ़वाल में पुलिस के खौफ से एक परिवार ने शहर छोड़ दिया है।
नैनीताल, जेएनएन : शहर के अतिसंवेदनशील बलियानाले की संवेदनशीलता परखने के लिए इसरो के सुदूर संवेदी संस्थान देहरादून की टीम नैनीताल पहुंच गई है। मंगलवार को टीम ने बलियानाला क्षेत्र में ड्रोन उड़ाकर मैपिंग की, मगर कोहरे की वजह से परिणाम सार्थक नहीं निकले। अब टीम मंगलवार को भी मैपिंग करेगी।
सोमवार को डीएम सविन बंसल के नेतृत्व में इसरो के विशेषज्ञ टीम के लीडर डॉ. सोबन टीम के साथ बलियानाला पहुंचे। इस दौरान बलियानाला व आसपास की पहाडिय़ों का हाई रेजुलेशन ड्रोन मैपिंग सर्वे किया गया। टीम ने रईस होटल कम्पाउंड क्षेत्र में भूस्खलन की विभीषिका भी देखी। डीएम ने बताया कि टीम फिजीकल सर्वे, रिस्क मैपिंग करेगी, जिससे खतरे की जद में आने वाले भवनों का चयन हो सकेगा। रिपोर्ट से जीएसआइ की टीम के सर्वे में भी मदद मिलेगी। इस सर्वे से यह पता चलेगा कि बलियानाला क्षेत्र में कौन सा इलाका खतरे की जद में है। इस दौरान प्राधिकरण सचिव हरबीर सिंह, एसडीएम विनोद कुमार, एसई विद्युत शेखर त्रिपाठी, ईई मो उस्मान, लोनिवि के ईई बीएस बसनाल, एसडीओ प्रिर्यंक पांडे आदि थे।
खतरे को देखते हुए कृष्णापुर पैदल मार्ग बंद
डीएम ने खतरे को देखते हुए बलियानाला के समीप से गुजरने वाले कृष्णापुर पैदल मार्ग को आवाजाही के लिए बंद करने का निर्देश दिया है। इस पर तहसीलदार भगवान सिंह चौहान ने मार्ग को बंद करा दिया। अब सिपाहीधारा होते हुए ग्रामीण कृष्णापुर के लिए आवाजाही करेंगे। इधर, पूर्व सभासद मुख्तार अली ने डीएम से कहा कि मार्ग बंद करने से पहले सिपाहीधारा वाले रास्ते को ठीक किया जाए। कहा कि सिपाहीधारा वाला मार्ग संकरा है, जिससे गुजरते वक्त हुए हादसे में दो लोग जख्मी हो चुके हैं। मार्ग में काई जमी रहती है। मार्ग को दुरुस्त करने के बाद ही आवाजाही हो। डीएम ने लोनिवि को मार्ग ठीक करने के निर्देश दिए।
गिरे पड़े पेड़ों का तत्काल निस्तारण हो
डीएम ने वन निगम व वन विभाग को शहर में आंधी-तूफान से गिरे पड़े पेड़ों के जल्द निस्तारण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व, वन, नगरपालिका, वन निगम की संयुक्त समिति बनाते हुए सर्वे रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कहा कि शहर में जो भी पेड़ खतरनाक बताते हुए शिकायती पत्र दिए गए है, उसका निरीक्षण कर वीडियो व फोटोग्राफ के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सोमवार शाम को डीएम कलक्ट्रेट में बैठक ले रहे थे। डीएम ने ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता एससी त्रिपाठी से कहा कि मेहरागांव से रेहड़, भवाली मनोरा, एरीज आरक्षित वनों से होते हुए मेन लाइन सूखाताल पहुंचती है। आरक्षित वनों में चीड़ के बड़े पेड़ हैं। डीएम ने संयुक्त समिति से निरीक्षण कर पेड़ों की सूची डीएफओ को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही ज्योलीकोट व मल्लीताल में एक-एक वुडकटर उपलब्ध कराने के निर्देश आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार को दिए। प्रत्येक थाने व ऊर्जा निगम को वुड कटर दिया जाएगा।
शहर में एक और विद्युत सब स्टेशन की कवायद
डीएम ने आंधी-तूफान के बाद बिजली लाइनों में आए फाल्ट को दूर कर रहे ऊर्जा निगम के कार्यों का भी मौका मुआयना किया और मंगलवार तक हर हाल में सभी फाल्ट ठीक करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को शहर में एक और विद्युत सब स्टेशन के लिए भूमि का प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।