रुद्रपुर से रेलवे टिकट की कालाबाजारी करते युवक दबोचा
इज्जतनगर बरेली से आई केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम ने ऊधमसिंह नगर मेन बाजार में छापा मारा।
संस, लालकुआं : इज्जतनगर बरेली से आई केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम ने ऊधमसिंह नगर मेन बाजार में छापा मारकर अनिधिकृत रूप से रेलवे के तत्काल व जरनल टिकट की कालाबाजारी कर रहे युवक को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। रेलवे पुलिस द्वारा युवक को मय कम्प्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर, 11 टिकट, फोन, नगदी समेत अन्य सामान के साथ लालकुआं स्थित रेलवे कोतवाली लाया गया है। पुलिस ने युवक का रेलवे अधिनियम 143 के तहत चालान कर जेल भेज दिया है
रविवार की शाम इज्जतनगर बरेली से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के निरीक्षक मयंक चौधरी के नेतृत्व में पुलिस बल ने रुद्रपुर मेन बाजार स्थित मनीष साइबर वडर््स में छापा मारा। इस दौरान वहा पर पुलिस ने अनधिकृत रूप से कंप्यूटर के द्वारा ऑनलाइन रेलवे टिकट बनाते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। युवक के पास से 11 टिकट भी बरामद हुए है। कम्प्यूटर की जाच में पता चला है कि युवक द्वारा फर्जी आईडी द्वारा टिकट बनाये गए थे। जिस पर टीम ने लालकुआं आरपीएफ पुलिस को भी मौके पर बुला लिया। जिसके बाद रेलवे पुलिस ने युवक को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से एक कंप्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर, किबोर्ड, मोबाइल समेत 9755 रुपये के 11 टिकटों व 27 सौ रुपये की धनराशि भी जब्त कर लिए है। युवक ने अपना नाम मनीष गोयल पुत्र मोहनलाल गोयल निवासी रुद्रपुर मैन मार्केट बताया। आरपीएफ द्वारा युवक को लालकुआं स्थिति आरपीएफ कोतवाली लाकर रेलवे अधिनियम की धारा 143 के तहत चालान करके जेल भेज दिया है। आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक बीके सिंह ने बताया कि कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि रुद्रपुर में अनधिकृत रूप से लोग कंप्यूटर के माध्यम से रेलवे टिकट बना रहे है। जिसका संज्ञान लेते हुए आज रेलवे की विजिलेंस टीम द्वारा कार्यवाही की गई।
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फर्जी आईडी से बना रहा था टिकट
ऊधमसिंह नगर में फर्जी आईडी से टिकट बना रहे युवक पर विजिलेंस की टीम की काफी समय से नजर थी। दरअसल किसी भी व्यक्ति द्वारा रेलवे की वेबसाइट आइआरसीटीसी में आइडी बनाकर अपना ऑनलाइन टिकट बनाया जा सकता है, लेकिन नियमों के अनुसार एक माह में एक आइडी से छह टिकट ही बन पाते है। रुद्रपुर से पकड़े गए युवक मनीष द्वारा इसका तोड़ निकालते हुए कई नामों से फर्जी आईडी बनाकर टिकट बनाए जा रहे थे, लेकिन फर्जी आईडी के नाम से बैंक में खाता नही होने के कारण वह एक ही खाते से पैसे का लेन देन कर रहा था, जिस कारण वह पकड़ा गया।