वन्य जीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी, अब कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बढ़ा घड़ियाल का कुनबा NAINITAL NEWS
बाघों के लिए विश्व प्रसिद्घ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जलीय जीवों का कुनबा भी बढ़ रहा है। रामगंगा नदी में विलुप्त होते घड़ियालों के 35 से 40 अंडों से बच्चे निकले हैं।
रामनगर, जेएनएन : बाघों के लिए विश्व प्रसिद्घ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जलीय जीवों का कुनबा भी बढ़ रहा है। कॉर्बेट के बीच से होकर गुजर रही रामगंगा नदी में विलुप्त होते घड़ियालों के 35 से 40 अंडों से बच्चे निकले हैं। ऐसे में विलुप्त होते घडिय़ालों की बढ़ती तादाद वन्य जीव पे्रमियों को सुकून दे रही है। बता दें कि काफी साल पहले कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की रामगंगा नदी में उप्र. बहराइच के दुधवा नेशनल पार्क के कतर्निका घाट से प्रयोग के तौर पर घड़ियाल लाकर छोड़े गए थे। यह कॉर्बेट की बेहतर आबोहवा का ही परिणाम था, कि यहां घडिय़ालों की संख्या में वृद्घि होती गई। वर्ष 2012 से 2016 तक किए गए। एक सर्वे के मुताबिक रामगंगा नदी में घडिय़ालों की संख्या 90 थी। वहीं पार्क अधिकारी अब इनकी संख्या 150 बता रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के गौरव वशिष्ठ कॉर्बेट में घडिय़ालों पर शोध कर रहे हैं। उन्हें कुछ दिन पूर्व रामगंगा नदी के तट पर चार दर्जन घडिय़ाल के अंडे टूटे मिले। लेकिन उसके बाद कॉर्बेट प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो, उन्हें उसी जगह पर घडिय़ालों के बच्चे रामगंगा नदी के पानी में अठखेलियां करते नजर आए। अक्सर घडिय़ाल के अंडे व छोटे बच्चों के बह जाने के कारण केवल एक प्रतिशत बच्चे ही बच पाते हैं। ऐसे में 35 से 40 बच्चे होने से उनकी संख्या में इजाफा होने की उम्मीद है।
एक चौथाई घड़ियाल कॉर्बेट में होने का अनुमान
घडिय़ाल देश भर में विलुप्ति के कगार पर है। वन्य जीवों की निगरानी करने वाली अंतरराष्टï्रीय संस्था आइयूसीएन ने इसे विलुप्ति के कगार पर होने की वजह से सर्वे के बाद रेड लिस्ट में रखा है। आइयूसीएन के पिछले सर्वे में दुनिया भर में 650 घडिय़ाल में से करीब एक चौथाई घडिय़ाल केवल कॉर्बेट पार्क की रामगंगा नदी में होने का अनुमान है। राहुल, निदेशक सीटीआर का कहना है कि कॉर्बेट में घडिय़ाल उपलब्ध है। उन्हें जो सुरक्षा चाहिए वह दी जा रही है। इन दिनों एक शोध कार्य चल रहा है। जिसमें लेटेस्ट गणना हुई है। उसमें रामगंगा में 35 से 40 हेचलिंग (अंडे से बच्चे होना) पाए गए हैं। उस पर बराबर निगरानी रखी जा रही है।
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