कोसी के आंगन में गंदगी का ढेर, नदी को धड़ल्ले से कर रहे प्रदूषित NAINITAL NEWS
घाटी क्षेत्र में जीवनदायिनी कोसी और उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी को धड़ल्ले से प्रदूषित किया जा रहा है।
गरमपानी, जेएनएन : एक ओर जहां स्पर्श गंगा और नमामि गंगे योजना के तहत देश की नदियों को प्रदूषण मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है, वहीं घाटी क्षेत्र में जीवनदायिनी कोसी और उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी को धड़ल्ले से प्रदूषित किया जा रहा है। इससे नदियों को स्वच्छ व निर्मल बनाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। नदी में फेंकी जाने वाली गंदगी से संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना हुआ है। स्थानीय लोगों ने गंदगी डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की माग उठाई है। कोसी घाटी स्थित भौर्या बैंड के समीप जीवनदायिनी कोसी नदी में धड़ल्ले से मुर्गियां के शरीर के अवशेष डाल नदी को प्रदूषित किया जा रहा है। क्षेत्र से लगातार उठ रही दुर्गंध से आवाजाही करने वालों का जीना मुहाल हो चुका है। वहीं गंदगी डाले जाने से महामारी फैलने का अंदेशा भी बढ़ता ही जा रहा है। नदी क्षेत्र के सौ मीटर दायरे में मुर्गियों के अवशेष व पंख आदि बिखरे हुए हैं। जिसे चील कौवे उठाकर नदी में भी डाल रहे हैं। इससे जहां नदी प्रदूषित हो रही है वहीं कोसी नदी में पाई जाने वाली मछलियों के लिए भी खतरा बढ़ रहा है।
व्यापारी हुए लामबंद नदी क्षेत्र में लगातार गंदगी डाले जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश उभरने लगा है। उनका कहना है कि मीट मुर्गे का व्यवसाय करने वाले नदी किनारे अवशेषों को धड़ल्ले से फेंक रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। कहा कि कोसी नदी के पानी का इस्तेमाल सिंचाई व पशुओं के लिए किया जाता है। यहीं नहीं नदी से कई पेयजल योजना भी संचालित की जा रही हैं। प्रदूषित पानी पीने से संक्रामक फैलने का खतरा बना हुआ है। व्यापारी महेंद्र सिंह बिष्ट, विरेंद्र बिष्ट, शिव सिंह, नंदन सिंह, विक्रम सिंह व बालम सिंह आदि ने नदी क्षेत्र में गंदगी डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। गौरव चटवाल, एसडीएम ने बताया कि नदियों को प्रदूषित करने वालों को कतई बख्सा नहीं जाएगा। निगरानी की जाएगी साथ ही कौन-कौन लोग गंदगी डाल रहे चिह्नित किया जाएगा। इसके लिए राजस्व उपनिरीक्षक को निर्देशित कर दिया गया है। नदी को प्रदूषित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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