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हल्द्वानी में 18 हजार परिवार बनेंगे जमीन के मालिक, स्पष्ट नीति नहीं होने की वजह से आ रही थी दिक्कत

अब नजूल लैंड पर मालिकाना हक देने का प्रस्ताव पास होने से चुनावी साल में लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा। फिलहाल अफसर व निगम क्षेत्र के लोग शासनादेश का इंतजार कर रहे हैं। नियमों व प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिलते ही आवेदन भी शुरू होंगे।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 08:20 AM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 08:20 AM (IST)
हल्द्वानी में 18 हजार परिवार बनेंगे जमीन के मालिक, स्पष्ट नीति नहीं होने की वजह से आ रही थी दिक्कत
अभी तक स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : धामी कैबिनेट के फैसले से कुमाऊं की आर्थिक राजधानी हल्द्वानी के करीब 18 हजार परिवारों के लिए बड़ी उम्मीद जगी है। नजूल भूमि पर मालिकाना हक देने के प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने से सालों से परेशान लोगों को अब जमीन फ्री-होल्ड कराने में दिक्कत नहीं आएगी। कैबिनेट के फैसले का शासनादेश आने के बाद निचले स्तर पर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अभी तक स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

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हल्द्वानी में नजूल भूमि का दायरा काफी बढ़ा है। जो कि नगर निगम के इलाके में आता है। आवासीय और व्यावसायिक दोनों तरह के भवनों की बड़ी संख्या है। लेकिन मालिकाना हक नहीं मिलने के कारण लोगों को कभी स्वामित्व नहीं मिल सका। इसलिए चाहकर भी लोन मिलना मुश्किल है। वहीं, अब नजूल लैंड पर मालिकाना हक देने का प्रस्ताव पास होने से चुनावी साल में लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा। फिलहाल अफसर व निगम क्षेत्र के लोग शासनादेश का इंतजार कर रहे हैं। नियमों व प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिलते ही आवेदन भी शुरू होंगे।
 
काठगोदाम से इंदिरानगर तक राहत: हल्द्वानी में नजूल लैंड वाला इलाका काफी बड़ा है। काठगोदाम, नई बस्ती, दुर्गा कॉलोनी, कुल्यालपुरा, कारखाना बाजार, नया बाजार, मंगल पड़ाव, साहूकारा लाइन, पटेल चौक, भवानीगंज, भोलानाथ गार्डन, इंदिरानगर पश्चिमी व पूर्वी, लाइन नंबर एक से 17, टनकपुर रोड, राजेंद्र नगर, इंद्रजीत गार्डन, कोहली गार्डन, भोटिया पड़ाव पूर्वी, सुभाषनगर, श्रमिक बस्ती शीशमहल, आवास-विकास का कुछ इलाका नजूल लैंड पर बसा है। दमुवाढूंगा का कुछ हिस्सा भी इसमें शामिल हो सकता है। 
 
वाद निपटाने में मिलेगी मदद

पुराने आंकड़ों के मुताबिक नगर निगम प्रशासन को 26 हजार भवनों से टैक्स मिलता है। इसमें 21 हजार आवासीय व पांच हजार करीब व्यावसायिक भवन हैं। 2018 में नजूल लैंड पर बने भवनों की संख्या 16 हजार के आसपास थी। जो कि अब बढ़ चुकी है। वहीं, कई जमीनों व भवनों की बिक्री होने या एक पक्ष से दूसरे पक्ष का कब्जा होने पर विवाद की स्थिति भी पैदा होने पर मामला कोर्ट तक पहुंच गया। नई नीति के जारी होने पर इन वादों के निपटारे में भी काफी मदद मिलेगी।

 
मालिकाना हक और लोन मिलेगा-डब्बू
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री डा. अनिल डब्बू ने सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि अब लोगों को मालिकाना हक मिलने के साथ नक्शा पास कराने व लोन लेने में भी सहूलियत होगी। मामले में उन्होंने सीएम से जल्द नियमावली बना अफसरों को निर्देशित करने का निवेदन किया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार जनता की समस्याओं के निदान को लेकर प्रतिबद्ध हैं। कर्मचारियों का डीए बढ़ाने का आदेश भी जारी हो चुका है।
 
रामनगर के बीस वार्ड में फायदा

रामनगर नगर पालिका के बीस वार्ड के लोगों को सरकार के इस फैसले से बड़ी राहत मिली है। शहर की करीब 70 फीसदी आबादी नजूल क्षेत्र मेंं बसी है। इसके अलावा भीमताल, नैनीताल व भवाली में भी नजूल लैंड हैं। रामनगर के ईओ भरत त्रिपाठी ने बताया कि मकान से लेकर व्यावसायिक भवन नजूल भूमि पर बने हैं।  


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