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16 साल का लक्ष्य बना रहा खास टैब और नोटबुक, बच्चों के बस्ते का बोझ होगा हल्का

स्कूल में पढ़ाई की बात की जाए तो नोटबुक व किताब की जरूरत सबसे पहले होती है। देश में बढ़ती आबादी के बीच स्कूलिंग के लिए सबसे ज्यादा कागज प्रयोग में लाया जाता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 05:31 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 05:48 PM (IST)
16 साल का लक्ष्य बना रहा खास टैब और नोटबुक, बच्चों के बस्ते का बोझ होगा हल्का
16 साल का लक्ष्य बना रहा खास टैब और नोटबुक, बच्चों के बस्ते का बोझ होगा हल्का

रुद्रपुर, जेएनएन : स्कूल में पढ़ाई की बात की जाए तो नोटबुक व किताब की जरूरत सबसे पहले होती है। देश में बढ़ती आबादी के बीच स्कूलिंग के लिए सबसे ज्यादा कागज प्रयोग में लाया जाता है। इसके लिए जंगलों का दोहन बहुत तेजी से हो रहा है। जंगल कटने से पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में पेपरलेस स्कूलिंग के लिए 16 वर्ष के लक्ष्य अग्रवाल ने डिजिटल नोटबुक डिजायन किया है। जिसे 20 हजार रुपये तक की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा।

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स्कूलों में कोर्स के अलावा कई अन्य गतिविधियां संचालित होती हैं, जिससे बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ जाता है। कम उम्र में ज्यादा बस्तों का ज्यादा वजन होता है तो सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। बच्चों की समस्या व प्रदूषण को लक्ष्य ने गंभीरता से लिया और उसने डिजिटल नोटबुक तैयार कर दिया। इससे न केवल बच्चों पर बस्तों के वजन का बोझ कम होगा, बल्कि पेड़ नहीं काटे जाएंगे तो पर्यावरण के लिहाज से भी बेहतर होगा।डिजिटल नाेटबुक से बच्चा कहीं पर भी मोबाइल व लैपटाॅप पर पढ़ाई कर सकता है।

नोटबुक डिजाइन कर रहे लक्ष्य अग्रवाल ने बताया कि सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर अभिभावक का सपना होता है। जिसमें स्टेशनरी के नाम पर ही एक बड़ा अमाउंट खर्च कर दिया जाता है। ऐसे में डिजिटल नोटबुक से स्टेशनरी का खर्च बचेगा। जिससे शिक्षा लेना आसान हो जाएगा। इसके लिए समाज के हर वर्ग को आसानी होगी।

बचपन बचाने की मुहिम

रुद्रपुर से फुलसुंगा निवासी महज 16 साल के लक्ष्य अग्रवाल का कहना है कि बचपन शुरू होते ही पांच से 10 किलो का बैग बच्चों के कंधे पर लाद दिया जाता है। बड़े होने के बाद स्पाइनल समस्या ऐसे ही बच्चों में देखने को मिलती है। वहीं आनलाइन पढ़ाई में भी मोबाइल फोन व लैपटाप की स्क्रीन आंखों पर खराब असर डाल रही है। ऐसे में लक्ष्य ने एक ऐसा डिजिटल नोटबुक व टैब डिजाइन किया है जिससे बस्ते का वजन घटने के साथ ही आंखों पर भी खराब असर नहीं पड़ेगा।

रोज कर रहे मेहनत

नोटबुक डिजाइन कर रहे लक्ष्य ने बताया कि टीम इमेजिनेबल नामक संस्था के सहयोग से यह कार्य हो रहा है। जिसमें वह नियमित रूप से पांच से छह घंटे का समय दे रहे हैं। लक्ष्य ने बताया कि जनवरी, 2021 तक यह टैब आम विद्यार्थी के लिए लांच कर देने की योजना है। इस कार्य में बीकानेर के एक 25 वर्षीय छात्र आनंद कोफाउंडर के बतौर सहयोग कर रहे हैं।

एक लाख पेज उपलब्ध

लक्ष्य ने बताया कि डिजिटल नोटबुक में करीब एक लाख से ज्यादा पेज उपलब्ध हैं। जिसमें विभिन्न विषयों की किताबें भी उपलब्ध रहेंगी। नोटबुक पर अपनी हैंडराइटिंग में बिना स्याही वाली पेन से लिखा जा सकेगा। खराब हैंड राइटिंग होने पर इसे कंप्यूटर की भाषा में बदला जा सकेगा। वहीं इस नोटबुक में इंटरनेट व कैमरा आदि की सुविधा नहीं दी गई है। जिससे छात्रों का मन किसी और दिशा में नहीं भटके।

मिलेगी सस्ती शिक्षा


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