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Uttarakhand News: नेपाल में 6 हजार चीनी साइबर अपराधी सक्रिय, निशाने पर दिल्ली, गुरुग्राम और मुंबई

chinese cyber criminals चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। उसकी विस्तारवादी नीति व पड़ोसी देश को अस्थिर रखने की नीयत में कोई बदलाव नहीं आ रहा। नेपाल में जमीन कब्जाने का मामला ठंडा पड़ा ही था कि अब साइबर क्राइम में उसके नागरिक पकड़े गए।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 11:51 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 11:51 AM (IST)
Uttarakhand News: नेपाल में 6 हजार चीनी साइबर अपराधी सक्रिय, निशाने पर दिल्ली, गुरुग्राम और मुंबई
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इनमें अधिकतर नेपाल में रहते हुए भारत में सक्रिय रहे हैं।

हल्द्वानी से अभिषेक राज। chinese cyber criminals caught in nepal: भारत-नेपाल के बीच मधुर होते संबंधों के बीच चीन के करीब छह हजार साइबर अपराधियों ने नेपाल के सीमावर्ती जिलों में डेरा डाला है। अकेले पिछले एक वर्ष में ही तीन हजार चीनी नागरिकों को यहां भेजा गया है। 

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अधिकतर को तो चीन की निर्माणाधीन परियोजनाओं में कार्यरत दिखाया गया है। ये साइबर अपराधी नेपाल को बेस बनाकर वहां के साथ ही भारत के प्रमुख शहरों को निशाना बना रहे हैं।

बड़ी संख्या में ये साइबर क्राइम में संलिप्त मिले हैं। गुरुवार को उत्तराखंड से लगे पश्चिमी नेपाल के कंचनपुर, हुमला सहित मधेश व पोखरा तक में नेपाल पुलिस केंद्रीय अनुसंधान ब्यूरो (सीआइबी) ने छापेमारी की। इनमें 150 ऐसे शातिर चीनी पकड़े गए हैं, जो साइबर क्राइम के बड़े मामलों में संलिप्त हैं। 

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इनमें अधिकतर नेपाल में रहते हुए भारत में सक्रिय रहे हैं। नेपाली नागरिकों को भी इन्होंने बड़ा चूना लगाया है। नेपाल स्टाक एक्सचेंज तक को भी प्रभावित करने की कोशिश की है।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, फिलहाल मामला सामने आने पर चीन ने खुद इन्हें भगोड़ा बताते हुए चीन विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप मढ़ दिया है। इस संबंध में आइबी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी रिपोर्ट भेजी है। 

छापे में मिले 47.97 लाख भारतीय रुपये 

नेपाल में साइबर अपराधियों के खिलाफ सीआइबी की कार्रवाई की शुरुआत पोखरा में गुरुवार सुबह करीब 11 बजे से हुई। डैमसाइट पर टीम ने एक मकान में छापेमारी की। वहां 50 चीनी नागरिकों सहित कुल 75 लोग कार्यरत मिले। मौके से टीम को 47.97 लाख भारतीय रुपये भी मिले, जिसका चीनी नागरिक प्रमाण नहीं दे सके। 

इसके बाद टीम ने एक साथ कंचनपुर, हुमला, विराटनगर, चितवन, रुपनदेही व अन्य शहरों में छापेमारी कर 150 चीनी नागरिकों को दबोचा। इसके पहले दिसंबर 2021 में भी सीआइबी ने पोखरा व काठमांडू में छापेमारी कर 122 चीनी नागरिकों को वापस भेजा था। सभी साइबर अपराध में संलिप्त पाए गए थे।  

काठमांडू व पोखरा में बनाया हेडक्वार्टर

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, शुक्रवार को जांच में पता चला कि पोखरा से बरामद पूरा धन दूसरों के खातों में सेंध लगाकर जमा किया गया था। असल में साइबर अपराधियों ने काठमांडू व पोखरा में हेडक्वार्टर बनाकर पूरे नेपाल में जाल बिछाया है। इनके निशाने पर भारत के दिल्ली, गुरुग्राम और मुंबई भी हैं। यहां के भी कई मामलों में चीनी साइबर अपराधियों की संलिप्तता मिली है। 

ये मालवेयर या ट्रोजन वायरस के जरिये बैंक खाते और सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल का पासवर्ड हैक करते हैं। ये एप से लोन देने और फिर संबंधित नागरिकों को ब्लैकमेल करने में भी शामिल हैं। खाते से पैसे उड़ाने की घटनाओं में भी इनकी संलिप्तता मिली है। 

ऐसे कर रहे थे खेल  

साइबर अपराधी फोन में मालवेयर एप इंस्टाल कराते हैं। इसके बाद पर्सनल डेटा चोरी करते हैं। पीड़ित की फोटो को एडिट कर अश्लील बनाकर ब्लैकमेल भी करते हैं। 

नेपाल स्टाक एक्सचेंज में पंप एंड डंप 

साइबर अपराधी एक साथ कंपनी के बड़े शेयर खरीदते थे और फिर इंटरनेट मीडिया के जरिये लोगों को शेयर खरीदने के लिए प्रेरित करते थे। एक बार जब शेयर के भाव में तेजी आ जाती थी तो ये उस शेयर को मार्केट में डंप कर देते थे।


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