death during vip duty दिवंगत पुलिसकर्मियों के परिवार की मदद को जुटाए 12 लाख रुपये, पुलिस महकमे ने नहीं मनाई दिवाली
राज्यपाल की सुरक्षा डयूटी के दौरान वीरभट्टी के पास हुए हादसे में दिवंगत हुए जवानों की मदद के लिए खाकी के साथ ही आम लोगों के हाथ भी बढ़ रहे हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : राज्यपाल की सुरक्षा डयूटी के दौरान वीरभट्टी के पास हुए हादसे में दिवंगत हुए जवानों की मदद के लिए खाकी के साथ ही आम लोगों के हाथ भी बढ़ रहे हैं। अल्मोड़ा जिले के एक थानाध्यक्ष की पहल पर सोशल मीडिया में मदद को कई पोस्ट वायरल होने के साथ ही सैकड़ों लोगों ने अब तक 12 लाख से अधिक रकम दोनों कांस्टेबलों के खातों में जमा करा दी है। वहीं महिला दारोगा के परिवार को आर्थिक मदद देने के लिए उनके बैच के दारोगा सहयोग कर रहे हैं।
22 अक्टूबर को वीरभट्टी के पास एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचीं राज्यपाल बेबीरानी मौर्य की सुरक्षा ड्यूटी से लौटते समय हुए हादसे में तीनों की मौत हो गई थी। चालक चालक नंदन सिंह बिष्ट व गनर ललित मोहन की मौके पर ही, जबकि दारोगा माया बिष्ट ने 26 अक्टूबर को दम तोड़ दिया था। 23 अक्टूबर को अल्मोड़ा जिले के भतरौजखान थानाध्यक्ष नीरज भाकुनी ने फेसबुक पर मार्मिक पोस्ट वायरल कर काठगोदाम थाने के चालक व गनर के परिवार को आर्थिक मदद के लिए पुलिसकर्मियों से सहयोग की अपील की। इस पोस्ट में दोनों जवानों के अकाउंट नंबर भी डाले गए थे। कुमाऊं के साथ ही गढ़वाल मंडल तक के पुलिसकर्मियों व आम लोगों ने दोनों के खातों में आर्थिक मदद की राशि डालनी शुरू कर दी। दीपावली से एक दिन पहले तक दोनों के खातों में 12 लाख रुपये से अधिक धनराशि जमा हो चुकी थी। वहीं महिला दारोगा के परिजनों को आर्थिक मदद के लिए लोग आगे आने लगे हैं। उनके बैच के दारोगाओं ने आपस में आर्थिक मदद जुटानी शुरू कर दी है।
पुलिस मुख्यालय में कर्मी जुटा रहे धनराशि
डीजीपी कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार ने भी दिवंगत जवानों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। महकमे के जवानों व अफसरों की ओर से पुलिस मुख्यालय में धनराशि एकत्र की जा रही है। जवानों के परिवारों को आर्थिक मदद, पेंशन व एक सदस्य को नौकरी दिलाने की कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है।
दीप पर्व पर नहीं सजाए थाने-चौकियां, अफसरों के बंगले की सूने
कर्तव्य निभाने के दौरान सड़क हादसे में तीन जवानों की मृत्यु के शोक में जिले की पुलिस दीप पर्व के दौरान डूबी रही। जिले भर में थाने-चौकियां, आवास व कार्यालय नहीं सजाए गए। हर ओर जहां रोशनी की चकाचौंध थीं, वहीं पुलिस अफसर व कर्मचारियों के घर व ड्यूटीस्थल सूने थे। इस बार थानों में रंगोली भी नहीं बनाई गई थी। अफसरों के बंगले व कैंप कार्यालय भी सादे दिख रहे थे।
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