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Haridwar: सौ युवाओं ने संन्यास और 500 ने ली ब्रह्मचर्य की दीक्षा, भागवत और केंद्रीय गृहमंत्री ने दिया आशीर्वाद

संन्यास दीक्षा महोत्सव के अंतिम दिन गुरुवार को हरिद्वार के वीआईपी घाट पर योग गुरु बाबा रामदेव ने अष्टाध्यायी महाभाष्य व्याकरण वेद वेदांग उपनिषद में निपुण 60 युवक व 40 युवतियों को संन्यास की दीक्षा दी। जबकि 500 युवाओं ने आचार्य बालकृष्ण से ब्रह्मचर्य की दीक्षा ली।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Fri, 31 Mar 2023 04:44 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 04:44 AM (IST)
Haridwar: सौ युवाओं ने संन्यास और 500 ने ली ब्रह्मचर्य की दीक्षा, भागवत और केंद्रीय गृहमंत्री ने दिया आशीर्वाद
सौ युवाओं ने संन्यास और 500 ने ली ब्रह्मचर्य की दीक्षा।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। उत्तराखंड स्थित पतंजलि के ऋषिग्राम में आयोजित संन्यास दीक्षा महोत्सव के अंतिम दिन गुरुवार को हरिद्वार के वीआईपी घाट पर योग गुरु बाबा रामदेव ने अष्टाध्यायी, महाभाष्य व्याकरण, वेद, वेदांग, उपनिषद में निपुण 60 युवक व 40 युवतियों को संन्यास की दीक्षा दी।, जबकि, 500 युवाओं ने आचार्य बालकृष्ण से ब्रह्मचर्य की दीक्षा ली।

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नवदीक्षित संन्यासी व ब्रह्मचारियों को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नवजीवन का आशीर्वाद दिया। इस मौके पर योग गुरु ने कहा कि संन्यास, वेद, गुरु और शास्त्र की मर्यादा में रहते हुए नव संन्यासी एक बहुत बड़े संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हो रहे हैं। संन्यासी होना जीवन का सबसे बड़ा गौरव है। अब से सभी सौ संन्यासी ऋषि परंपरा का निर्वहन करते हुए मातृभूमि, ईश्वरीय सत्ता, ऋषिसत्ता और अध्यात्म सत्ता में जीवन व्यतीत करेंगे।

रामनवमी पर्व पर सभी संन्यास दीक्षुओं को शोभायात्रा के साथ वीआईपी घाट लाया गया, जहां बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। गंगा की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए सभी संन्यास दीक्षुओं का मुंडन ऋषिग्राम में ही किया गया। घाट पर उन्होंने सांकेतिक रूप से शिखासूत्र और यज्ञोपवीत गंगा के पावन जल में विसर्जित किए।

इसके बाद योग गुरु समेत अन्य प्रमुख संतों ने सभी को पवित्र संन्यास का संकल्प दिलाया। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि संन्यासी होना सबसे बड़ा उत्तरदायित्व एवं गौरव है। पतंजलि योगपीठ के सभागार में सनातन वैदिक संस्कृति की जो धारा पिछले नवरात्र के पावन दिनों से बहनी शुरू हुई थी, आज वह नए स्वरूप में पूरे विश्व के सम्मुख उपस्थित है।

इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि युवा संन्यासियों का देश सेवा में समर्पित होना रामराज्य की स्थापना, ऋषि परंपरा और भावी आध्यात्मिक भारत के स्वप्न के साकार होने जैसा है। कहा कि सबसे बड़ा त्याग युवा संन्यासियों के माता-पिता का है, जिन्होंने अपने बच्चों को पाल-पोसकर देश, धर्म, संस्कृति और मानवता के लिए समर्पित कर दिया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संत परंपरा हमेशा से ही एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने का माध्यम रही है।

योग गुरु ने किया वैदिक शिक्षा को पुनर्जीवित

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि योग गुरु ने वैदिक शिक्षा को पुनर्जीवित करने का काम किया है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में पतंजलि परिवार कई क्षेत्रों में देश का पुनरुद्धार करेगा। कहा कि भारतीय शिक्षा बोर्ड, पतंजलि गुरुकुलम, आचार्यकुलम, पतंजलि विश्वविद्यालय और पतंजलि आयुर्वेद कालेज के माध्यम से हमारे चिर पुरातन ज्ञान को नई ऊर्जा मिलने जा रही है। जल्द ही योग गुरु का एक लाख विद्यार्थियों वाली पतंजलि ग्लोबल यूनिवर्सिटी और पतंजलि ग्लोबल गुरुकुलम का सपना पूरा होगा।

आचार्य बालकृष्ण की तारीफ करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि उनके नेतृत्व में पतंजलि संस्थान के विज्ञानियों की ओर से निर्मित मृदा परीक्षण मशीन 'धरती का डॉक्टर' से सभी 12 तरह के मापदंड बेहद कम खर्च में किए जा सकते हैं। इससे पूर्व, उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय के नवीन परिसर का लोकार्पण किया।

शिलापट के अनावरण के बाद उन्होंने पतंजलि विश्वविद्यालय का भ्रमण किया और ऋषिग्राम में नौ दिन से चल रहे चतुर्वेदीय महापारायण यज्ञ में पूर्णाहुति दी।


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