शहर की सड़कों से लेकर गली-मोहल्लों में पसरा रहा सन्नाटा
शहर में साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू पूरी तरह से सफल रहा। विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा घाटों पर नाममात्र श्रद्धालु ही डुबकी लगाते दिखे।
संवाद सहयोगी, हरिद्वार :
शहर में साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू पूरी तरह से सफल रहा। विश्व प्रसिद्ध हरकी पैड़ी समेत अन्य गंगा घाटों पर नाममात्र श्रद्धालु ही डुबकी लगाते दिखे। हालांकि अस्थि विसर्जन और कर्मकांड के लिए कई प्रदेशों के नागरिक हरिद्वार कुशाघाट और कनखल सतीघाट जरूर पहुंचते रहे। शहरभर में सन्नाटा पसरा रहा और कोरोना कर्फ्यू ने जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन की याद ताजा कर दी।
कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार को देखते हुए राज्य सरकार ने रविवार को कोरोना कर्फ्यू का एलान किया था। कुंभ काल और धार्मिक नगरी होने के चलते जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कोरोना कर्फ्यू को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। रविवार की सुबह से ही कर्फ्यू का असर देखने को मिला। शहर की सड़कों पर आमजन की भीड़ नहीं थी। ज्वालापुर, चंद्राचार्य चौक, आर्यनगर चौक, ज्वालापुर रेलवे स्टेशन, कनखल, कृष्णानगर, उत्तरी हरिद्वार से लेकर शिवालिक नगर में बाजार पूरी तरह से बंद रहे। हां आवश्यक वस्तुओं डेयरी, फल सब्जी, दवा आदि दुकानें खुली थी। लेकिन, उन पर भी भीड़ नहीं दिखी।
आमशहरी कोरोना कर्फ्यू का पालन करता नजर आया। यात्री बाहुल्य क्षेत्र में खाने पीने की दुकानों को खोलने की छूट दी गई थी। लेकिन, वह भी न के ही बराबर खुली थी। इसकी एक बड़ी वजह श्रद्धालुओं व पर्यटकों का ना होना भी था। अपर रोड से लेकर मुख्य बाजार, बड़ा बाजार, विष्णुघाट, राम घाट, बड़ी-छोटी सब्जी मंडी, रेलवे स्टेशन रोड, मोती बाजार आदि पूरी तरह से सूना रहा। हरकी पैड़ी के गंगा घाट पर चंद श्रद्धालु जरूर गोता जरूर लगा रहे थे। लेकिन, पूरा गंगा घाट मानो खाली ही था। हरकी पैड़ी से सटे नाई सोता समेत अन्य गंगा घाट पूरी तरह से यात्री विहीन नजर आए।