गर्मी से राहत देने लगी मानसून की बारिश
जागरण संवाददाता रुड़की शहर में शुक्रवार को भी बारिश होने से लोगों को भीषण गर्मी से र
जागरण संवाददाता, रुड़की: शहर में शुक्रवार को भी बारिश होने से लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली। वहीं दिनभर बादलों की आवाजाही का खेल भी चलता रहा। शहर में 23 एमएम बारिश रेकॉर्ड की गई।
मानसून की बरसात ने शिक्षानगरी के लोगों को राहत देनी शुरू कर दी है। गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी शहर में कभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश हुई। अलसुबह से ही शहर और आसपास के क्षेत्रों में बादलों का पहरा रहा। सुबह सवा आठ बजे तक रुक-रुककर बारिश होने के कारण सुबह के वक्त मौसम सुहावना बना रहा। इसके बाद बारिश तो बंद हो गई, लेकिन आसमान में बादलों ने डेरा डाले रखा। वहीं दिनभर में बीच-बीच में कई बार धूप खिली तो कई बार बादलों की आवाजाही रही। जिस कारण लोगों को तीखी धूप और उमस से छुटकारा मिला रहा। शुक्रवार को शहर का अधिकतम तापमान 30.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ। आइआइटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना से मिली जानकारी के अनुसार तापमान में और गिरावट आने की संभावना है।
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जिले में पांच दिन में 115 एमएम बारिश का पूर्वानुमान
रुड़की: हरिद्वार जिले में 13 से 17 जुलाई तक बरसात होने की संभावना है। जबकि 15 एवं 16 जुलाई के मध्य कुछ स्थानों पर भारी बरसात का पूर्वानुमान है। आइआइटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना से मिली जानकारी के अनुसार 13 जुलाई को 20 एमएम, 14 जुलाई को 15 एमएमए, 15 जुलाई को 30 एमएम, 16 जुलाई को 30 एमएम और 17 जुलाई को 20 एमएम बरसात का अनुमान है। यानी पांच दिनों में कुल 115 एमएम बरसात की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस समय मानसून की उत्तरी सीमा बाड़मेर, जोधपुर, चुरू, लुधियाना और कपूरथला से होते हुए गुजर रही है।ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पालतू पशुओं को पशु चिकित्सक की सलाह से खुरपका, मुंहपका व लंगड़ा बुखार से बचाव का टीका अवश्य लगवा दें। वहीं बरसात के मौसम की सब्जियों के रोपण का उचित समय चल रहा है। इसलिए शाम को पौध रोपण करके हल्की सिचाई कर दें।
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मानसून की बरसात में लग सकता है ब्रेक
रुड़की: आइआइटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के नोडल अधिकारी प्रो. आशीष पाण्डेय के अनुसार हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के अन्य भागों में मानसून की बरसात में अगले दो हफ्तों के लिए ब्रेक लग सकता है। आमतौर पर यह ब्रेक अगस्त के दूसरे सप्ताह में देखा जाता था लेकिन इस वर्ष यह जुलाई के मध्य में ही संभावित है। इसे मौसम विज्ञान की भाषा में ड्राई स्पेल कहा जाता है।