जल संस्थान की बकाया वसूली पर कोरोना का साया
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण जल संस्थान के कर्मचारी बकाया वसूली के लिए घर-घर जाने से कतरा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रुड़की: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण जल संस्थान के कर्मचारी बकाया वसूली के लिए घर-घर जाने से कतरा रहे हैं। ऐसे में विभाग का बकाया वसूली अभियान काफी धीमा पड़ गया है।
जल संस्थान ने पेयजल के बकायेदारों से बकाया वसूली के लिए अभियान चलाया हुआ है। कर्मचारियों को पांच हजार से अधिक का बकाया रखने वाले बकायेदारों की सूची थमाई गई है। जिनसे उन्हें घर-घर जाकर बकाया वसूलना है। उधर, शहर में कोरोना वायरस महामारी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। लगभग प्रतिदिन ही कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में जल संस्थान के कर्मचारियों की चिता बढ़ी हुई है। कोरोना के डर से कई कर्मचारी तो फील्ड में जाने से भी कतरा रहे हैं। ऐसे में कोरोना के कारण विभाग का बकाया वसूली अभियान तेजी नहीं पकड़ पा रहा है। विभाग ने रोजाना दो-तीन लाख रुपये का बकाया वसूली का लक्ष्य रखा हुआ है लेकिन केवल 80 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक ही प्रतिदिन बकाया वसूली हो पा रही है। जल संस्थान के सहायक अभियंता राजेश कुमार निर्वाल ने बताया कि कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से बकाया वसूली अभियान प्रभावित हो रहा है। उनके अनुसार कर्मचारियों को कोरोना से बचाव को लेकर सावधानी रखते हुए ही बकाया वसूली करने के लिए कहा गया है।