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प्लास्टिक कचरे से मुक्त होंगे उत्तराखंड के गांव, जल्द शुरू होगा हरिद्वार का प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट

देहरादून केंद्र सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण पर विशेष जोर दे रही है। इस क्रम में उत्तराखंड में भी कदम उठाए गए हैं। इसके लिए प्रथम चरण में सभी 95 विकासखंडों में एक-एक कांपेक्टर मशीनें स्थापित की जा रही है।

By Jagran NewsEdited By: Riya PandeyPublished: Sun, 28 May 2023 02:10 PM (IST)Updated: Sun, 28 May 2023 02:10 PM (IST)
प्लास्टिक कचरे से मुक्त होंगे उत्तराखंड के गांव, जल्द शुरू होगा हरिद्वार का प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट
हरिद्वार के प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट को हफ्तेभर के भीतर चालू करने की तैयारी है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: केंद्र सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक के निस्तारण पर विशेष जोर दे रही है। इस क्रम में उत्तराखंड में भी कदम उठाए गए हैं। शहरों तक सिमटी इस मुहिम को अब पूरी गंभीरता के साथ गांवों तक ले जाने को कमर कसी गई है। इसके लिए प्रथम चरण में सभी 95 विकासखंडों में एक-एक कांपेक्टर मशीनें स्थापित की जा रही है। साथ ही प्लास्टिक कचरे के उठान के लिए एक-एक वैन भी पंचायतीराज विभाग उपलब्ध कराने जा रहा है।

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हरिद्वार का प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट हफ्तेभर में होगा शुरू

गांवों से उठने वाले प्लास्टिक कचरे का निस्तारण हरिद्वार में होगा। इसके लिए वहां स्थापित प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट को हफ्तेभर के भीतर चालू करने की तैयारी है। प्लांट में प्लास्टिक कचरे से दरवाजे, चौखट जैसे उत्पाद बनाए जाएंगे। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की स्थिति देखें तो 102 नगर निकायों से प्रतिदिन लगभग 1700 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। इसमें 10 से 25 प्रतिशत तक प्लास्टिक कचरा होता है। शहरों में इसके पृथक्कीकरण के साथ ही रिसाइक्लिंग के कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि इस दृष्टिकोण से राज्य की 7795 ग्राम पंचायतों के 15 हजार से अधिक गांव अछूते हैं। लिहाजा प्लास्टिक कचरा गांवों के इर्द-गिर्द जमा हो रहा है व नदी-नालों में बह रहा है।

इसलिए गांवों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने की दिशा में पहले पहल हुई, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते यह यहां पर लागू नहीं हो पाई । अब इसे लेकर गंभीरता से कदम उठाए जा रहे हैं।

हर विकासखंड को दी जायेगी एक-एक कांपेक्टर मशीनें

सचिव पंचायतीराज नितेश झा के अनुसार गांवों को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने को अभियान के रूप में लिया जा रहा है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में कचरे का पृथक्कीकरण कर इसमें से प्लास्टिक को अलग करने की व्यवस्था की जा रही है। प्लास्टिक कचरे को कांपेक्ट करने के उद्देश्य से प्रत्येक विकासखंड को एक-एक कांपेक्टर मशीनें दी जा रही हैं ताकि इसके परिवहन में आसानी रहेगी। इसके अलावा प्लास्टिक कचरे के एकत्रीकरण को एक-एक वैन विकासखंडों को उपलब्ध कराने का कार्य इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।

झां ने बताया कि गांवों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे की रिसाइक्लिंग हरिद्वार जिले में स्थित विभाग के प्लांट में होगी। यह प्लांट तैयार हो चुका है। सभी विकासखंडों में एकत्रित प्लास्टिक कचरा यहां लाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गांवों में प्लास्टिक कचरे के कारण उत्पन्न पर्यावरणीय खतरों के संबंध में ग्राम पंचायतों को जन-जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित करने को भी कहा गया है।


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