नौनिहालों की थाली से सब्जियां दूर
जागरण संवाददाता, रुड़की: स्कूलों में दोपहर के समय बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणव
जागरण संवाददाता, रुड़की: स्कूलों में दोपहर के समय बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। स्कूल भोजन की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। अलग से सब्जियां देने के बजाय, दाल, छोले आदि में ही सब्जी डाल दी जा रही है। शिक्षा विभाग के अलावा एसडीएम व अन्य अधिकारी भी स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन निरीक्षण के दौरान सबसे अधिक उंगली उठ रही।
जिले के 1066 स्कूलों में बच्चों को दोपहर का भोजन परोसा जा रहा है। विभाग की ओर से सख्त हिदायत दी गई है कि मिड डे मील की गुणवत्ता में किसी तरह की खामी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बच्चों को मैन्यू के अनुसार ही दोपहर का भोजन दिया जाएगा। भोजन में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को 50 ग्राम एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को 75 ग्राम सब्जी अनिवार्य रूप से देनी होगी। बावजूद इसके स्कूलों में अभी भी व्यवस्था पुराने ढर्रे पर ही चली आ रही है। शिक्षक टमाटर, लौकी, शिमला मिर्च और आलू आदि के महंगा होने की बात कह सब्जियां नहीं बना रहे हैं। स्थिति यह है कि सप्ताह में एक या दो दिन ही सब्जियां बन पा रही हैं। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ब्रह्मपाल ¨सह सैनी ने बताया मिड डे मील को लेकर कुछ शिकायतें मिली हैं। सभी उप शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह भी इस ओर सख्ती बरतें।
नहीं मिल रही पर्याप्त सब्जियां
झबरेड़ा, भलस्वागाज, नारसन, लंढौरा, बुग्गावाला और खादर क्षेत्र के विभिन्न प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मध्य जुलाई तक उन्हें भरपूर सब्जियां मिल जा रही थी, लेकिन इसके बाद से सब्जियां नहीं मिल रही हैं। स्थानीय स्तर पर मिलने वाली सब्जियां समाप्त हो चुकी हैं। ऐसे में सब्जियां खरीदने में ही उनको दिक्कत आ रही है। टमाटर 50 रुपये किलो पहुंच गया है तो आलू 30 रुपये किलो, लौकी 30 रुपये है तो बैंगन भी इसी दाम में मिल रहा है। ऐसे में सब्जियां बनाने में दिक्कत आ रही है।