coronavirus: यहां बनाया गया सैनिटाइजर टनल, प्रवेश से पहले स्नान; जानिए
हरिद्वार के ज्वालापुर सब्जी मंडी आने वाले लोग सैनिटाइजर में स्नान करने के बाद ही अंदर प्रवेश कर पा रहे हैं। दरअसल मंडी प्रशासन ने प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजिंग टनल बनाई है।
हरिद्वार, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए हाथों को सैनिटाइज करने को कहा जा रहा है, लेकिन ज्वालापुर सब्जी मंडी आने वाले लोग सैनिटाइजर में स्नान करने के बाद ही अंदर प्रवेश कर पा रहे हैं। दरअसल, मंडी प्रशासन ने प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजिंग टनल बनाई है। टनल में लगातार सैनिटाइजर का स्प्रे किया जा रहा है। ऐसे में मंडी में प्रवेश करने से पहले लोगों को टनल से गुजरना पड़ रहा है। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह व्यवस्था बिलकुल भी व्यवहारिक नहीं है। इससे बेहतर होगा कि लोगों के हाथ सैनिटाइज कराए जाएं।
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर किए गए लॉकडाउन के चलते ज्वालापुर सब्जी मंडी में रोजाना हजारों की संख्या में किसान, व्यापारी और आढ़तियों के साथ ही फुटकर ग्राहक भी पहुंच रहे हैं। हालांकि बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंडी प्रशासन ने फुटकर ग्राहकों पर रोक लगा दी है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग मंडी आ रहे हैं। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। इससे बचने के लिए मंडी प्रशासन ने मुख्य द्वार पर सैनिटाइजिंग टनल बनाई है। टनल में चार नोजल से अल्कोहल युक्त सेनिटाइजिंग लिक्विड का स्प्रे किया जा रहा है। यहां खास बात यह है कि स्प्रे से व्यक्ति का पूरा शरीर सेनिटाइज किया जा रहा है। प्रयोग किए जा रहे लिक्विड में 70 प्रतिशत आर्गेनिक एथेनॉल, सोडियम हाइपोक्लोराइड और ग्लिसरीन आदि शामिल हैं।
मंडी समिति ज्वालापुर के सचिव दिग्विजय सिंह देव ने बताया कि यह लिक्विड मानव शरीर को सैनिटाइज करने के लिए उपयुक्त है। मंडी में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए सैनिटाइजिंग टनल से होकर गुजरना जरूरी है। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए टनल से एक-एक व्यक्ति को गुजारा जा रहा है। इस व्यवस्था से मंडी में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने में काफी मदद मिलेगी।
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वहीं, राजकीय महिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संदीप निगम का कहना है कि मंडी समिति की ओर से किए गए उपाय व्यवहारिक नहीं हैं। सोडियम हाइपो क्लोराइड का इस्तेमाल फर्श, टेबल, कुर्सी आदि की सफाई के लिए होता है। जबकि, आर्गेनिक एथेनॉल बहुत अधिक ज्वलनशील होता है। ऐसे में आग के संपर्क में आने से हादसे की आशंका रहती है। कोरोना संक्रमण संक्रमित स्थान को छूने के बाद आंख, नाक और मुंह को छूने से होता है। ऐसे में हाथों को सैनिटाइज कराना उपयुक्त है। यदि स्प्रे की व्यवस्था ज्यादा उपयुक्त होती तो सबसे पहले इसका इस्तेमाल अस्पतालों में किया जाता।
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