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Uttarakhand Lockdown Update: अभिभावक बने शिक्षक, मोबाइल को किताब बना पढ़ा रहे बच्चों को

कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते बच्चों की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित न हो इसके लिए अभिभावक बच्चों के शिक्षक बन गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 03:34 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 03:34 PM (IST)
Uttarakhand Lockdown Update: अभिभावक बने शिक्षक, मोबाइल को किताब बना पढ़ा रहे बच्चों को
Uttarakhand Lockdown Update: अभिभावक बने शिक्षक, मोबाइल को किताब बना पढ़ा रहे बच्चों को

हरिद्वार, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण शिक्षण संस्थान और कार्याल सब बंद हो गए हैं। इसमें बच्चों की पढ़ाई को काफी नुकसान हो रहा है। शिक्षा सत्र भी इस बार देरी से ही शुरू होगा। बच्चों की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित न हो, इसके लिए अभिभावक बच्चों के शिक्षक बन गए हैं। किताबें न होने के कारण मोबाइल की मदद ले रहे हैं। मोबाइल पर किताबों को डाउनलोड किया जा रहा है।  

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कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन किया जा चुका है। यह स्थिति कब तक रहेगी। इस बारे में अभी किसी को भी कुछ पता नहीं है। बच्चे भी घरों में कैद होकर रह गए हैं। एक अप्रैल से नया शिक्षा सत्र शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार नया शिक्षा सत्र कब शुरू होगा, कब स्कूल खुलेंगे, कब पढ़ाई शुरू होगी। इसको लेकर अनिश्चितता का माहौल है। लॉकडाउन होने के चलते अधिकांश अभिभावक भी अपने बच्चों के साथ घर पर ही हैं। बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो सके। इसके लिए अभिभावकों ने बच्चों की पढ़ाई शुरू करा दी है। नई कक्षाओं की किताबें मोबाइल से डाउनलोड कर रहे हैं। इसकी मदद से बच्चों को पढ़ा रहे हैं। 

रुड़की के गीतांजलि निवासी मधु त्यागी ने बताया कि उन्होंने अपने दोनों बच्चों की नई कक्षाओं की पढ़ाई शुरू करा दी है। हालांकि किताबें अभी नहीं है, लेकिन उन्होंने मोबाइल की मदद से एनसीईआरटी की किताबों को डाउनलोड कर लिया है। इससे बच्चों का समय भी बर्बाद होने से बच रहा है। इसी तरह से कई अन्य अभिभावक भी बच्चों के लिए शिक्षक बने हुए हैं। उन्होंने बच्चों के लिए टाइम टेबल तक बना दिया है। 

मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए शिक्षण संस्थाएं बंद है। जब तक शिक्षण संस्थाएं बंद हैं, तब तक इस समय का सद्पयोग करें। अभिभावक अपने बच्चों को अगली कक्षा की तैयारी कराएं। इसके लिए वह इंटरनेट की मदद से किताबें डाउनलोड कर सकते हैं। वहीं, आसपास पड़ोस में जो बड़े बच्चे हैं। उनकी किताबें ले सकते हैं। अभिभावक भी बच्चों के साथ घर पर ही हैं। इसलिए बच्चों की पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दें। बच्चों के टीवी देखने और इंडोर खेल के साथ ही पढ़ाई के लिए भी समय निर्धारित करें। 

स्कूलों से रोजाना ऑनलाइन मिल रहा है होमवर्क 

लॉकडाउन के दौरान बड़ों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी टाइम पास करना भारी हो रहा है। ऐसे में टाइम बिताने के लिए बच्चे ड्राइंग बनाकर या वीडियो गेम खेलकर समय बिता रहे हैं। हालांकि कुछ स्कूल रोजाना आनलाइन होमवर्क दे रहे हैं। जिससे लॉकडाउन के बावजूद बच्चों की पढ़ाई भी चल रही है। राजलोक विहार कॉलोनी निवासी अधिवक्ता दिनेश वर्मा और सारिका वर्मा के बेटा-बेटी अमृषा और अंश जगजीतपुर के डीएवी स्कूल में पढ़ते हैं। 

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लॉकडाउन के चलते अमृषा और अंश भी बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। ऐसे में दोनों बहन-भाई ड्राइंग बनाकर और वीडियो गेम खेलकर वक्त बिता रहे हैं। अधिवक्ता दिनेश वर्मा भी कभी-कभार बच्चों के साथ शतरंज खेलते हैं। सारिका वर्मा बच्चों की ड्राइंग को और बेहतर बनाने में मदद करती हैं। अमृषा ने बताया कि उनके स्कूल से अब आनलाइन होमवर्क मिलने लगा है। इसलिए खेल के साथ-साथ अब पढ़ाई भी होने लगी है। 

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