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उत्‍तराखंड सरकार का मतांतरण पर शिकंजा, सजा बढ़ाई, संतों ने किया फैसले का स्‍वागत

Uttarakhand government Conversion Law पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्‍तराखंड में मतांतरण पर शिकंजा कसते हुए कानून को अब और कठोर बना दिया है। राज्य सरकार के फैसले का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद निरंजनी ने समर्थन किया है।

By Anoop kumar singhEdited By: Nirmala BohraPublished: Thu, 01 Dec 2022 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 01 Dec 2022 02:50 PM (IST)
उत्‍तराखंड सरकार का मतांतरण पर शिकंजा, सजा बढ़ाई, संतों ने किया फैसले का स्‍वागत
Uttarakhand government Conversion Law : मुख्‍यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

टीम जागरण, हरिद्वार : Uttarakhand government Conversion Law : पुष्कर सिंह धामी सरकार ने उत्‍तराखंड में मतांतरण पर शिकंजा कसते हुए कानून को अब और कठोर बना दिया है। उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक बुधवार को सदन में विपक्ष की उपस्थिति में ही बहुमत से पारित हो गया। इस अवसर पर सदन में प्रमुख प्रतिपक्षी दल कांग्रेस के विधायक भी उपस्थित रहे। यद्यपि उन्होंने इस विधेयक का समर्थन नहीं किया।

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मतांतरण को लेकर कानून और सख्त

  • विधेयक पारित होने के साथ प्रदेश में मतांतरण को लेकर कानून और सख्त कर दिया गया है।
  • कानून का उल्लंघन करने पर सजा और कारावास, दोनों में वृद्धि की गई है।
  • सामूहिक मतांतरण के मामलों में सजा का प्रविधान 10 साल तक करने के साथ ही अधिकतम जुर्माना राशि 50 हजार रुपये की गई है।
  • मतांतरण के पीडि़त को आरोपित से पांच लाख रुपये तक का समुचित प्रतिकर भी न्यायालय दिला सकेगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद निरंजनी ने समर्थन किया

उत्तराखंड में मतांतरण रोकने के लिए कड़े कानून बनाने संबंधी राज्य सरकार के फैसले का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद निरंजनी ने समर्थन किया है।

अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने उत्तराखंड सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसके लिए साधुवाद दिया है, साथ ही उन्होंने अन्य राज्य सरकारों से भी ऐसे ही कदम उठाने की मांग की है।

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श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत बड़े पैमाने पर मतांतरण करा कर देश के सांप्रदायिक सौहार्द, सहयोग और एकता की भावना को तोड़ने-नष्ट करने का योजनाबद्ध कार्य हो रहा है। देश की अखंडता, एकता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए इसी तरह के कड़े कानून की जरूरत है और अन्य राज्यों को भी उत्तराखंड की तरह इसके लिए आगे आना होगा।

अखाड़ा परिषद महानिर्वाणी ने किया फैसले का स्‍वागत

वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महानिर्वाणी ने भी उत्तराखंड सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष दक्षेश्वर महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर और महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट इस फैसले का स्वागत किया।

उन्‍होंने कहा कि राज्य के स्तर से यह व्यवस्था होने के साथ-साथ केंद्रीकृत व्यवस्था भी होनी चाहिए और राष्ट्रीय स्तर पर इसके लिए कड़ा कानून बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई राज्य सरकारों ने इस दिशा में कदम उठाए हैं, बाकी राज्यों को भी आगे आना चाहिए और देश की एकता, अखंडता तथा धार्मिक विश्वास को बनाए रखने में अपना अहम योगदान देना चाहिए।

स्वामी अवधेशानंद गिरि ने मुख्‍यमंत्री को दिया साधुवाद

श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने मतांतरण रोकने संबंधी उत्तराखंड सरकार का कड़ा कानून बनाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि मतांतरण आत्मा का व्यापार है और अमानविता की पराकाष्ठा है।

उन्होंने उत्तराखंड की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसके लिए साधुवाद देते हुए कहा कि यह पूरे देश के लिए अनुकरणीय है और सभी को इस दिशा में सोचना समझना चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए।


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