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Uttarakhand Bharti Scam: जेई-एई की भर्ती परीक्षा में भी मिली गड़बड़ी, UKPSC के दो अधिकारियों समेत नौ पर मुकदमा

Uttarakhand Bharti Scam एई-जेई भर्ती परीक्षा में धांधली करने वालों का राजफाश कर नौ आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। इसका मास्टरमाइंड भी उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में अतिगोपन अनुभाग-तीन में कार्यरत अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी था।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Sat, 04 Feb 2023 08:04 AM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 08:04 AM (IST)
Uttarakhand Bharti Scam: जेई-एई की भर्ती परीक्षा में भी मिली गड़बड़ी, UKPSC के दो अधिकारियों समेत नौ पर मुकदमा
Uttarakhand Bharti Scam: एई-जेई भर्ती परीक्षा में का राजफाश कर नौ आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: Uttarakhand Bharti Scam: भ्रष्टाचार के विरुद्ध धामी सरकार का सख्त रवैया जारी है। अब इस कड़ी में एई-जेई भर्ती परीक्षा में धांधली करने वालों का राजफाश कर नौ आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। लेखपाल भर्ती की भांति इस परीक्षा का भी पेपर लीक हुआ था, जिसे लेखपाल भर्ती में धांधली करने वाले गिरोह ने ही अंजाम दिया।

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इसका मास्टरमाइंड भी आयोग में अतिगोपन अनुभाग-तीन में कार्यरत अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी था। इस कार्य में उसका साथ एक अन्य अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार ने भी दिया। लेखपाल भर्ती के पेपर लीक का राजफाश होने के बाद संजीव चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया गया था।

संजीव चतुर्वेदी और उसकी पत्नी रितु समेत छह आरोपित जेल में

राज्य लोक सेवा आयोग ने यह परीक्षा गत वर्ष मई में कराई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर इस प्रकरण में जांच कर रही एसआइटी ने कनखल थाने में नौ आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। इनमें संजीव चतुर्वेदी और उसकी पत्नी रितु समेत छह आरोपित जेल में हैं।

एसआइटी अन्य तीन आरोपितों की तलाश में जुटी है। इनमें अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार के साथ रुड़की के भाजपा नेता संजय धारीवाल का नाम भी शामिल है। उधर, आयोग ने इस परीक्षा के भविष्य पर पदाधिकारियों की बैठक के बाद निर्णय लेने की बात कही है।

अधर में लटका 4384 अभ्यर्थियों का भविष्य

राज्य लोक सेवा आयोग की एई और जेई परीक्षा के सवालों के घेरे में आने से 4384 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है। आयोग ने इन परीक्षाओं की भर्ती 2021 में निकाली थी, जबकि 2022 में परिणाम घोषित किया गया था।

आयोग स्तर से इन दोनों परीक्षाओं के साक्षात्कार की प्रक्रिया चल रही थी। लेखपाल भर्ती परीक्षा के बाद एई और जेई परीक्षा के सवालों के घेरे में आने से अभ्यर्थियों में भी मायूसी है। राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से छह साल बाद 2021 में कनिष्ठ अभियंता (जेई) परीक्षा की भर्ती निकाली गई थी।

शासन से राज्य लोक सेवा आयोग को ग्रामीण निर्माण विभाग, सिंचाई, पंचायती राज, लघु सिंचाई, लोनिवि, ऊर्जा और आवास विभागों के कनिष्ठ अभियंताओं की सीधी भर्ती के लिए अधियाचन प्राप्त हुआ था, जिस पर आयोग ने जेई के 735 पदों के लिए 2021 में भर्ती निकाली थी। 26 नवंबर 2021 से 17 दिसंबर 2021 तक परीक्षा के फार्म भरे गए थे।

सात से दस मई 2022 तक जेई की परीक्षा कराई गई थी। लिखित परीक्षा में 3853 अभ्यर्थी सफल हुए थे। वहीं सहायक अभियंता (एई) के 166 पदों के लिए 01 से 21 सितंबर 2021 तक आनलाइन आवेदन मांगे गए थे।

आयोग की ओर से हरिद्वार, रुड़की समेत प्रदेश के 19 परीक्षा केंद्रों पर 23 से 26 अप्रैल 2022 तक परीक्षा कराई गई थी। इस परीक्षा में 531 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए थे। आयोग की ओर से सफल अभ्यर्थियों के साक्षात्कार की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन दोनों परीक्षाओं के सवालों के घेरे में आने से अब 4384 अभ्यर्थियों के भविष्य पर तलवार लटक गयी है।

अलग-अलग किरदार चुने, फिर भी हो गया राजफाश

लेखपाल और एई-जेई भर्ती धांधली के मास्टरमाइंड संजीव चतुर्वेदी, उसकी पत्नी रितु व पालीटेक्निक शिक्षक राजपाल ने पोल खुलने के डर से कई सावधानियां बरतीं। यहां तक कि उन्होंने दोनों धांधलियों में अलग-अलग किरदार चुने, जिससे राजफाश न होने पाए। हालांकि, कोई भी हथकंडा उन्हें कानून से बचा नहीं पाया।

लेखपाल भर्ती धांधली में गिरफ्तार किए जा चुके निलंबित अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने एई और जेई की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने और बेचने के खेल में सहयोगी अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार सहित कुछ खास सहयोगियों को साथ रखा।

पहला पेपर लीक करने में दोनों की बराबर भूमिका रही, लेकिन पिछले महीने हुई लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने में उसने सहयोगी संजीव कुमार को न सिर्फ दरकिनार कर दिया, बल्कि पोल खुलने के डर से कई और किरदार भी बदल दिए। बावजूद इसके संजीव अपनी पत्नी व अन्य सहयोगियों के साथ कानून के शिकंजे में फंस गया।

संजीव चतुर्वेदी, उसकी पत्नी रितु व पालीटेक्निक शिक्षक राजपाल ने मिलकर दोनों पेपर लीक करने और बेचने की पूरी रणनीति बनाई थी। तीनों ने जरूरत और सुरक्षा को देखते हुए किरदार तय किए।

ऐसे हुआ राजफाश

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने इसी वर्ष आठ जनवरी को लेखपाल भर्ती की लिखित परीक्षा कराई थी। परीक्षा के दो दिन बाद ही 10 जनवरी को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने पेपर लीक होने का भंडाफोड़ करते हुए संजीव चतुर्वेदी व उसकी पत्नी रितु समेत सात आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।

उनसे 41 लाख रुपये की नकदी भी बरामद हुई थी। इस मामले की जांच हरिद्वार की एसपी क्राइम रेखा यादव के नेतृत्व में गठित एसआइटी को सौंपी गई। एसआइटी को प्राथमिक जांच में पता चला कि आरोपितों ने एई-जेई की भर्ती परीक्षा में भी धांधली की थी।

मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संज्ञान में आने पर उन्होंने जांच के निर्देश दिए। छानबीन में पेपर लीक होने की बात सामने आने पर एसआइटी के निरीक्षक बीएल भारती ने शुक्रवार को कनखल थाने में आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। लेखपाल भर्ती मामले में फिलहाल 12 आरोपित जेल में बंद हैं।

इनके विरुद्ध दर्ज हुआ मुकदमा

संजीव चतुर्वेदी व उसकी पत्नी रितु निवासी लोक सेवा आयोग कनखल (हरिद्वार), मनीष कुमार निवासी गोविंद नगर पूर्वावली (रुड़की), राजपाल निवासी गागलहेड़ी, सहारनपुर (उप्र) हाल निवासी पथरी (हरिद्वार), संजीव कुमार उर्फ संजीव दुबे निवासी गागलहेड़ी, सहारनपुर (उप्र) हाल निवासी ज्वालापुर (हरिद्वार) और सुनील सैनी निवासी लक्सर (हरिद्वार) को लेखपात भर्ती प्रकरण में गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य आरोपितों संजीव कुमार निवासी लोक सेवा आयोग कनखल (हरिद्वार), संजय धारीवाल निवासी मंगलौर (हरिद्वार), नितिन चौहान निवासी सिडकुल (हरिद्वार) की तलाश की जा रही है।

हमारी सरकार पूरे सिस्टम को सुधारने के लिए संकल्पित है। भर्तियों में गड़बडी करने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। एई और जेई की परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतें मिलने पर तुरंत जांच के आदेश दिए गए थे। इनमें जो भी संलिप्त पाया जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पहले भी विभिन्न भर्तियों में गड़बड़ी करने वालों को जेल भेजा गया है। ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि भर्ती परीक्षाएं पारदर्शी तरीके से संपन्न हों। इसके लिए जल्द ही देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लाया जा रहा है। प्रदेश के युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड


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