यहां अनूठी पहल से बोल उठी स्कूल की दीवारें, प्लास्टिक का इस तरह हो रहा इस्तेमाल
प्लास्टिक की बोतल हरियाली उगाने और पर्यावरण को संरक्षित रखने के काम आएंगी। शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा पर नेहरू युवा केंद्र की टीम ने कचरे के उन्हें गमले का रूप दिया है।
रुड़की, जेएनएन। कचरे के ढेर में पड़ी प्लास्टिक की बोतल हरियाली उगाने और पर्यावरण को संरक्षित रखने के काम में आएंगी। ऐसा शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा, लेकिन नेहरू युवा केंद्र की टीम ने कचरे के ढेर से प्लास्टिक की बोतल चुनकर उन्हें गमले का रूप दिया है। इसमें अब हरियाली उग रही है। टीम की पहल से स्कूल की दीवारें भी पर्यावरण का संदेश दे रही हैं।
नारसन ब्लॉक में नेहरू युवा केंद्र की टीम पर्यावरण का उजियारा चारों तरफ फैला रही है। इस सात सदस्यीय टीम में शामिल लोगों के दिमाग में प्लास्टिक की बोतलों से हरियाली उगाने का तरीका आया। टीम के ब्लॉक समन्वयक विवेक त्यागी ने नारसन ब्लॉक के कई गांव में कूड़े के ढेर से प्लास्टिक की बोतलों को इकट्ठा किया। इसके बाद टीम की मदद से इन्हें गमले का रूप दिया गया। टीम ने डेढ़ माह में करीब 200 गमले तैयार किए। इन गमलों में फूल पौधे लगाएं गए।
प्लास्टिक की बोतलों से तैयार गमले उदलहेड़ी राजकीय स्कूल, पंचायत भवन मुंडेट, आंगनबाड़ी केंद्र मुंडेट और झबरेडा-इकबलापुर मार्ग पर सत्संग भवन की दीवारों पर लगाया गया। साथ ही स्कूल की दीवारों पर पेड़-पौधों की पेंटिग बनाई गई। ताकि लोगों को पौधे लगाने के प्रति जागरूक किया जा सके। नेहरू युवा केंद्र के ब्लॉक समन्यवय विवेक त्यागी ने बताया कि शीघ्र ही नारसन ब्लॉक के सभी सरकारी स्कूलों में प्लास्टिक की बोतलों से गमले और दीवारों पर पेंटिंग लगाने का काम पूरा होगा। इसके बाद जिले अन्य ब्लॉक में टीम इस तरह के काम करेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से टीम को छह हजार का पुरस्कार मिल चुका है।
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स्वच्छता अभियान को कर रहे जागरूक
नेहरू युवा केंद्र की तरफ से ब्लॉक के कई गांव में सफाई अभियान भी चलता है। गांव में सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर सफाई कार्यक्रम चल रहे है। टीम के साथ अब ग्रामीण भी सफाई अभियान में इनका सहयोग करने लगे है। टीम के समन्वय विवेक त्यागी ने बताया कि पहले उन्हें ग्रामीणों का सहयोग नहीं मिला था, लेकिन अब उनकी देखा देखी ग्रामीण भी सफाई अभियान में सहयोग करते है।