Move to Jagran APP

गन्ना समिति चेयरमैन ने चीनी मिल, विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा

जागरण संवाददाता, रुड़की: लिब्बरहेड़ी गन्ना समिति के चेयरमैन कुलदीप चौधरी ने लिब्बरहेड़ी च

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 07:49 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 07:49 PM (IST)
गन्ना समिति चेयरमैन ने चीनी मिल, विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा
गन्ना समिति चेयरमैन ने चीनी मिल, विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा

जागरण संवाददाता, रुड़की: लिब्बरहेड़ी गन्ना समिति के चेयरमैन कुलदीप चौधरी ने लिब्बरहेड़ी चीनी मिल एवं गन्ना विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि लिब्बरहेड़ी चीनी मिल एवं गन्ना विभाग मिलकर पिछले साल की भांति स्थानीय किसानों की पर्चियों को रोककर उप्र से माफियाओं का गन्ना खरीदने की तैयारी में है। वह ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे।

prime article banner

शनिवार को लिब्बरहेड़ी चीनी मिल से गन्ना समिति के चेयरमैन कुलदीप चौधरी ने गन्ने की पर्चियों के बंडल को उठा लिया था। जिस पर मिल की ओर से उनके खिलाफ मंगलौर कोतवाली में तहरीर दी गई है। गन्ना समिति चेयरमैन कुलदीप चौधरी ने इस मामले में लिब्बरहेड़ी चीनी मिल प्रबंधन एवं समिति के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस को अवगत कराया। उन्होंने रविवार को पत्रकारों से बीतचीत के दौरान कहा कि लिब्बरहेड़ी चीनी मिल ने पिछले साल भी अवैध रूप नकद गन्ने की खरीद की थी। विभाग की ओर से छानबीन की गई थी। किसानों की पर्चियों को जारी करना गन्ना समिति का अधिकार है। गन्ना समिति ही पर्चियों के वितरण की व्यवस्था करती है। गन्ना समिति बोर्ड इस पर निगरानी रखता हैं, लेकिन जिस तरह से गन्ना विभाग की मिलीभगत से लिब्बरहेड़ी चीनी मिल में पर्चियां भेजी गई वह गलत हैं और स्थानीय किसानों को धोखा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह इकबालपुर गन्ना समिति के दफ्तर नहीं गए। लिब्बरहेड़ी गन्ना समिति के दफ्तर में कुछ किसानों ने उन्हें इस बात की जानकारी दी थी, जिस पर उन्होंने लिब्बरहेड़ी चीनी मिल में जाकर छापा मारा था। जिस पर उन्होंने पर्चियों को पकड़ा था। चीनी मिल उनके या किसी किसान ने कोई तोड़फोड़ नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सहायक गन्ना आयुक्त किसानों के हितों की अनदेखी कर केवल चीनी मिल का हित देख रहे हैं। मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने गन्ना मंत्री एवं गन्ना आयुक्त को भी मामले से अवगत कराया है। जरूरत पड़ी तो वह स्थानीय किसानों के साथ मिलकर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.