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रेलवे स्क्रैप घोटाले के फरार कारोबारी हरिद्वार से गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: पंजाब में हुए रेलवे स्क्रैप घोटाले में हरियाणा निवासी दो आरोपि

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 06:41 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 06:58 PM (IST)
रेलवे स्क्रैप घोटाले के फरार कारोबारी हरिद्वार से गिरफ्तार
रेलवे स्क्रैप घोटाले के फरार कारोबारी हरिद्वार से गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: पंजाब में हुए रेलवे स्क्रैप घोटाले में हरियाणा निवासी दो आरोपित कारोबारियो को हरिद्वार में गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के बाद हरियाणा की आरपीएफ दोनों को अपने साथ ले गई।

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पुलिस के मुताबिक, पंजाब के गो¨वदगढ़ में पिछले साल रेलवे में स्क्रैप घोटाला सामने आया था। रेलवे के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों ने स्क्रैप कारोबारियों से सांठगांठ कर अच्छे सामान की नीलामी भी करा दी थी। इस मामले में मंडी गो¨वदगढ़ के सर¨हद आरपीएफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पंजाब व हरियाणा आरपीएफ की टीम आरोपितों की धरपकड़ में जुटी हुई हैं। करीब 10 आरोपितों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। यमुनानगर, हरियाणा आरपीएफ को सूचना मिली थी कि घोटाले में फरार आरोपित हरिद्वार में ठहरे हुए हैं। सोमवार को आरपीएफ के उपनिरीक्षक विजेंद्र चौधरी के नेतृत्व में एक टीम हरिद्वार पहुंची। नगर कोतवाली में आमद कराने के बाद शहर कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी ने आरपीएफ टीम के साथ खड़खड़ी चौकी प्रभारी राजेंद्र रावत व पुलिसकर्मियों को भेजा। टीम ने उत्तरी हरिद्वार में हाईवे पर स्थित होटल गंगेश गैलरी में छापा मारा और दो लोगों को पकड़ लिया।

आरपीएफ टीम ने उनकी पहचान पूरण चंद पुत्र लेखराज निवासी मॉडल टाउन यमुनानगर व रवि गर्ग पुत्र लज्जाराम निवासी समीप बस अड्डा जगाधरी, जिला यमुनानगर, हरियाणा के रूप में की। टीम दोनों को अपने साथ ले गई। आरपीएफ टीम में उपनिरीक्षक विजेंद्र चौधरी व अनिल कुमार, कांस्टेबल चांदवीर व इंद्रजीत शामिल रहे। शहर कोतवाल प्रवीण ¨सह कोश्यारी ने बताया कि पकड़े गए दोनों लोग रविवार को होटल में आकर ठहरे थे।

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लगातार गाड़ियां और शहर बदल रहे थे दोनों

हरिद्वार: पंजाब व हरियाणा की आरपीएफ टीम शिद्दत के साथ दोनों कारोबारियों की तलाश में जुटी हुई थी। दोनों मोबाइल भी इस्तेमाल नहीं कर रहे थे, जिससे सर्विलांस से उनकी लोकेशन की जानकारी जुटाई जा सके। आरपीएफ ने हरिद्वार पुलिस को बताया कि दोनों बेहद शातिराना अंदाज में उन्हें चकमा देते आ रहे थे। वह ज्यादा दिन एक जगह नहीं ठहरते थे। कुछ दिन बाद ही जगह और गाड़ी बदल देते थे। आरपीएफ ने उनकी गिरफ्तारी के लिए मुखबिरों को भी काम पर लगाया हुआ था। गाड़ी की अदला-बदली के दौरान ही मुखबिरों ने सुराग जुटाकर आरपीएफ यमुनानगर को दिए और टीम ने हरिद्वार से दोनों को गिरफ्तार कर लिया।


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