राजपत्रित अधिकारी को दी जाएगी जांच: एसएसपी
हरिद्वार स्वरोजगार घोटाले से जुड़े मुकदमे की जांच राजपत्रित अधिकारी करेंगे। एसएसपी जन्मेजय
हरिद्वार: स्वरोजगार घोटाले से जुड़े मुकदमे की जांच राजपत्रित अधिकारी करेंगे। एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी का कहना है कि मामला गंभीर है। इसकी उच्च स्तर पर भी निगरानी की जाएगी।
वीर चंद्र ¨सह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में हुए घोटाले के समय हरिद्वार जिले में तैनात रहे आठ से ज्यादा सीनियर आइएएस अधिकारियों की भूमिका जांच की जद में है। मगर जांच की कमान थानाध्यक्ष के तौर पर तैनात उपनिरीक्षक के हाथ में है। शिकायतकर्ता ने सवाल उठाए हैं कि ऐसे में क्या वरिष्ठ नौकरशाहों के खिलाफ निष्पक्ष जांच हो पाएगी। शिकायतकर्ता ने इसमें एसआइटी गठन की मांग की जा रही है।
हरिद्वार में वीर चंद्र ¨सह गढ़वाली योजना में खूब बंदरबांट हुई। योजना में करोड़पति और अपात्र लोगों को लोन बांट दिए गए। आरटीआई में घोटाले का पर्दाफाश होने से कई परतें खुलकर सामने आई हैं। फर्जी तरीके से लोन लेने वालों में सत्ताधारी और विपक्षी पार्टी के नेताओं से लेकर रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा व झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल की पत्नी के नाम तक शामिल हैं। जिला उपभोक्ता सरंक्षण समिति की सदस्य व भाजपा नेत्री अंजना चड्ढा, जिला महामंत्री विकास तिवारी आदि नेताओं ने खुद को बेरोजगार दिखाकर लोन लिया हुआ है। इस मामले में अधिवक्ता अरुण भदौरिया की याचिका पर अपर सिविल जज एसडी ने 19 जनवरी को फर्जी तरीके से लोन हड़पने वालों के साथ-साथ वर्ष 2003 से वर्ष 2011 के दरम्यान हरिद्वार में तैनात रहे सभी जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी व जिला पर्यटन अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मामले की विवेचना थानाध्यक्ष देवराज शर्मा खुद कर रहे हैं।
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पयर्टन विभाग से लेंगे लाभार्थियों की सूची
हरिद्वार: पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच कर रहे सिडकुल थानाध्यक्ष देवराज शर्मा ने बताया कि जल्द ही पयर्टन विभाग से लाभार्थियों की सूची ली जाएगी। योजना के क्या नियम है, कौन लोग इसके पात्र होते हैं, इस बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी। कोट
जिले में नए सीओ आए हैं और कुछ का तबादला गैर जनपद होना है। चूंकि मुकदमे में कई अधिकारियों पर भी आरोप लगाए गए हैं, इसलिए जल्द ही जांच किसी सीओ को जांच दी जाएगी। साथ ही साथ निगरानी भी उच्च स्तर से की जाएगी। जिससे निष्पक्ष जांच हो सके। -जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी, एसएसपी हरिद्वार