दुष्कर्म के दोषी को दस साल की कठोर कारावास, बीस हजार जुर्माना
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अपर सत्र न्यायाधीश अर्चना सागर ने दुष्कर्म के एक मामले में दोषी को दस साल की कठोर कैद और बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनार्इ है।
हरिद्वार, [जेएनएन]: कनखल थाना क्षेत्र में किशोरी के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अपर सत्र न्यायाधीश अर्चना सागर ने 10 साल की कठोर कैद और बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में पीड़ित किशोरी व उसके पिता को पक्षद्रोही घोषित किया गया। दोनों ही बाद में अपनी गवाही से मुकर गए थे। विधि-विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार दुष्कर्म की पुष्टि होने पर सजा सुनाई गई, हालांकि कोर्ट ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
शासकीय अधिवक्ता कुशल पाल सिंह चौहान एवं आदेश चौहान ने बताया कि वादी पीड़िता के पिता ने थाना कनखल में पांच अप्रैल 2016 को एक तहरीर दी थी, जिसमें उसने बताया था कि उसकी 15 वर्षीय पुत्री को 30 मार्च 2016 को सुबह साढ़े आठ बजे अमन कश्यप पुत्र संजीव कुमार कश्यप निवासी मॉडल कॉलोनी रानीपुर मोड़ जिला हरिद्वार बहला-फुसलाकर ले गया है।
पुलिस ने वादी की तहरीर पर आरोपी अमन कश्यप के खिलाफ किशोरी का अपहरण करने के संबंध में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने पांच अप्रैल 2016 को हरिद्वार रेलवे स्टेशन से पीड़ित किशोरी को आरोपी अमन कश्यप के साथ से बरामद किया था। जांच के बाद पुलिस ने पाया था कि आरोपी ने पीड़ित किशोरी के साथ दुष्कर्म भी किया है।
पुलिस ने न्यायालय में संबंधित धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था मामले से संबंधित मुकदमे में वादी पक्ष की ओर से पांच गवाहों और बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह के बयान कराए गये। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने अमन कश्यप को किशोरी के साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया। जिसके बाद अभियुक्त को 10 साल की कठोर कैद और बीस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपी अमन कश्यप को किशोरी का अपहरण करने के मामले में आरोप सिद्ध ने होने पर दोषमुक्त कर दिया है।
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