स्वामी शिवानंद का आरोप, ब्रहमचारी आत्मबोधानंद को चार घंटे तक नहीं मिला इलाज
स्वामी शिवानंद सरस्वती ने आरोप लगाया कि दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को चार घंटे तक इलाज नहीं मिला।
हरिद्वार, जेएनएन। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने आरोप लगाया हैै कि दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को चार घंटे तक इलाज नहीं मिला, उन्हें प्रतीक्षा में रखा गया था। रात दस बजे उन्हें भर्ती किया गया। स्वामी शिवानंद का कहना है कि हरिद्वार से गए प्रशासनिक अधिकारी ब्रह्मचारी को अस्पताल के बाहर ही छोड़कर वापस आ गए।
हरिद्वार स्थित मातृसदन में गंगा रक्षा के लिए साध्वी पद्मावती और ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद अनशन कर रहे थे। साध्वी का पहले से ही दिल्ली एम्स में उपचार चल रहा है। बुधवार को ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने जल का त्याग भी कर दिया था। चिकित्सकों के अनुसार इससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा। इस पर शनिवार को उन्हें एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया।
रविवार को मातृसदन में मीडिया से बातचीत करते हुए स्वामी शिवानंद हरिद्वार जिला प्रशासन और पुलिस पर जमकर बरसे। उन्होंने आरोप लगाया कि एम्स में ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद को इलाज के नाम पर एक मृत व्यक्ति के पास रखा गया। कहा कि आश्रम के लोगों को भी उनसे नहीं मिलने दिया जा रहा है। अपनी सुरक्षा हटाने से नाराज स्वामी शिवानंद ने कहा कि यहां कई साधु संतों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दे दी जाती है, लेकिन जिन्हें वास्तव में जरूरत है, उनकी सुरक्षा हटा ली जाती है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि दून अस्पताल में साध्वी पद्मावती का मानसिक उत्पीड़न किया गया। इससे वह सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि एम्स के डॉक्टर ब्रेन टीशू डैमेज होने की बात कह रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार अनशन के चलते ऐसा हुआ है, जो एकदम गलत है। उन्होंने कहा कि अनशन पर बैठे व्यक्ति का कभी भी ब्रेन टीशू डैमेज नहीं हो सकता है।
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