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स्वामी शिवानंद बोले, कुंभ क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करे केंद्र

स्वामी शिवानंद सरस्वती ने मांग की है कि केंद्र सरकार कुंभ क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करे। कहा कि इसके बाद ही गंगा और कुंभ क्षेत्र को खनन माफिया से बचाया जा सकता है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 06:09 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 08:37 PM (IST)
स्वामी शिवानंद बोले, कुंभ क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करे केंद्र
स्वामी शिवानंद बोले, कुंभ क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करे केंद्र

हरिद्वार, जेएनएन। मातृसदन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने मांग की है कि केंद्र सरकार कुंभ क्षेत्र को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करे। उन्होंने कहा है कि इसके बाद ही गंगा और कुंभ क्षेत्र को खनन माफिया से बचाया जा सकता है। 

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मातृसदन आश्रम में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से स्पष्ट आदेश हैं कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में किसी तरह का खनन नहीं किया जाएगा। लेकिन हरिद्वार से सटे लालढांग क्षेत्र में गंगा की सहायक नदियों में वन विकास निगम की ओर से खनन का काम शुरू करा दिया गया है। इससे साफ है कि गंगा और कुंभ क्षेत्र की प्रदेश सरकार को जरा भी चिंता नहीं है। 

स्वामी शिवानंद सरस्वती का कहना है कि वह इस बारे में जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजेंगे। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार ने गंगा और सहायक नदियों में खनन पर रोक नहीं लगाई तो मातृसदन की ओर से अनशन शुरू कर दिया जाएगा। 

खनन खोलने पर खड़े किए थे सवाल 

इससे पहले भी मातृसदन परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद अधिकारियों पर सवाल खड़े कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने गंगा की सहायक नदियों में खनन खोलने के लिए अपर मुख्य सचिव की ओर से जिलाधिकारी को भेजे पत्र पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, आखिरकार किस आधार पर यह निर्देश दिए गए, जबकि उल्टे उनकी ओर से रायवाला से भोगपुर तक लगाए अवैध स्टोन क्रशर हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद भी आज तक नहीं हटाए हैं।

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मातृसदन के ब्रह्मचारी संत दयानंद ने अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश को भेजे पत्र में कहा, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की ओर से गंगा और उसकी सहायक नदियों में पांच किलोमीटर तक के दायरे में किसी भी प्रकार के खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध किया गया है। इसकी प्रति पीएमओ को भी भेजी गई है, ताकि पीएमओ को भी खनन पर प्रतिबंध से अवगत कराया जा सके। इसके अलावा कोर्ट की ओर से रायवाला से भोगपुर तक गंगा और सहायक नदियों के पांच किलोमीटर के दायरे में खड़े स्टोन क्रशरों को हटाने के आदेश दिए हैं, लेकिन आज तक उन्हें नहीं हटाया है।

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