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स्वामी शिवानंद का अखाड़ा परिषद पर हमला, बोले- एसी वाले नहीं हो सकते साधु

मातृसदन के परामाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने उज्जैन कुंभ में अखाड़ा परिषद को दी गई सुविधाओं का हवाला देते हुए कहा कि एसी में रहने वाले साधु-संत और संन्यासी नहीं हो सकते हैं।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 10:25 AM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 10:25 AM (IST)
स्वामी शिवानंद का अखाड़ा परिषद पर हमला, बोले- एसी वाले नहीं हो सकते साधु
स्वामी शिवानंद का अखाड़ा परिषद पर हमला, बोले- एसी वाले नहीं हो सकते साधु

हरिद्वार, जेएनएन। मातृसदन के परामाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने अखाड़ा परिषद पर निशाना साधा है। उन्होंने उज्जैन कुंभ में अखाड़ा परिषद को दी गई सुविधाओं का हवाला देते हुए कहा कि एसी में रहने वाले साधु-संत और संन्यासी नहीं हो सकते हैं। परमाध्यक्ष ने अनशन पर बैठी साध्वी पद्मावती की मांगों के लिए श्वेत पत्र जारी किया। कहा कि साध्वी की मांगों को सरकार तत्काल पूरा करे।

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मातृसदन आश्रम में पत्रकारों से वार्ता करते हुए स्वामी शिवानंद ने वर्ष 2016 में संपन्न उज्जैन कुंभ के संबंध में ली गई सूचना के आधार पर कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को एसी की सुविधा दी गई थी। जिसमें कुंभ में परिषद के कार्यालय में ही 83 लाख रुपये से अधिक के एसी लगाए गए थे। परिषद के लिए 39 लाख रुपये से अधिक के एसी अलग से खरीदे गए थे। अखाड़ों को भी सरकार की ओर से लाखों रुपये का धन जारी किया गया था। अकेले परिषद को ही सुविधाएं देने को लगभग साढ़े 14 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। 

उन्होंने कुंभ में दी गई इन सुख-सुविधा पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुंभ जैसे धार्मिक महापर्वों में इतनी विलासिता से रहने वाले लोग सनातन धर्म संत पद्धति का मजाक उड़ा रहे हैं। ये लोग धर्म-संस्कृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। क्योंकि साधु-संतों को ऐसी सुख-सुविधाओं की जरूरत नहीं होती है। ये लोग परिषद के नाम पर संत समाज का बदनाम करने का काम कर रहे हैं।

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परमाध्यक्ष ने कहा कि पांच से छह जनवरी तक गंगा रक्षा को लेकर आश्रम में दो दिवसीय राष्ट्रीय गंगा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें देशभर के गंगा प्रेमी भाग लेंगे। बताया कि श्वेत पत्र के माध्यम से लोगों को यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि आखिर फिर से साध्वी पद्मावती को अनशन करने की जरूरत क्यों पड़ी है। गौरतलब है कि स्वामी शिवानंद की शिष्या साध्वी पद्मावती गंगा रक्षा को लेकर मातृसदन में अनशन पर बैठी हैं। 

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