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Swachh Survekshan 2022: नगर निगम हरिद्वार की प्रदेश और राष्ट्रीय रैंकिंग गिरी, इस बार आठवें नंबर पर खिसका

Swachh Survekshan 2022 स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम हरिद्वार की प्रदेश और राष्ट्रीय रैंकिंग गिरी है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में जहां नगर निगम प्रदेश में पांचवें स्थान पर था वहीं इस बार आठवें नंबर पर खिसक गया है। राष्ट्रीय रैकिंग 285 से बढ़कर 330 हो गई है।

By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiPublished: Sat, 01 Oct 2022 09:14 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 09:14 PM (IST)
Swachh Survekshan 2022: नगर निगम हरिद्वार की प्रदेश और राष्ट्रीय रैंकिंग गिरी, इस बार आठवें नंबर पर खिसका
: धर्मनगरी हरिद्वार की राष्ट्रीय रैंकिंग के साथ ही प्रदेश में रैंकिंग भी नीचे लुढ़क गई है।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: Swachh Survekshan 2022: धर्मनगरी हरिद्वार की राष्ट्रीय रैंकिंग के साथ ही प्रदेश में रैंकिंग भी नीचे लुढ़क गई है। इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में हरिद्वार नगर निगम प्रदेश में आठवें स्थान पर रहा, जबकि पिछले साल पांचवें स्थान पर था। वहीं पिछले साल जहां धर्मनगरी की राष्ट्रीय रैकिंग 285 थी, वहीं इस बार यह 55 पायदान खिसककर 330 पर पहुंच गया है।

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स्वच्छ सर्वेक्षण के पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2018 में हरिद्वार नगर निगम स्वच्छता रैकिंग में प्रदेश में दूसरे स्थान पर था। 2019 में चौथे और 2020 में यह पांचवें पायदान पर खिसक गया। बीते साल भी रैंकिंग नहीं सुधरी, बल्कि स्थिर रही। लेकिन, इस बार यह आठवें स्थान पर पहुंच गया है।

बात राष्ट्रीय रैंकिंग की करें तो 2019 में हरिद्वार नगर निगम 376वें स्थान पर था। 2020 में निगम के प्रदर्शन में सुधार हुआ और यह 244वें स्थान पर रहा। 2021 में रैंकिंग फिर गिर गई और 285 पर जा पहुंची। उम्मीद बीते साल के मुकाबले स्टेट और राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार की थी, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं आया और हरिद्वार 330 पर जा पहुंचा।

सफाई को लेकर सियासत जिम्मेदार

हरिद्वार की रैंकिंग न सुधरने की एक बड़ी वजह वर्षभर सफाई को लेकर होने वाली सियासत है। सफाई व्यवस्था पटरी पर लाने के बजाय जिम्मेदार आरोप-प्रत्यारोप को ही जनता के प्रति जवाबदेही समझते हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही सियासी नौटंकी में पिस रही है तो केवल शहर की जनता।

  • भाजपाई जहां कांग्रेसी महापौर पर अपनी जिम्मेदारियों का भलीभांति निर्वहन न करने का तो महापौर और उनके समर्थक नगर निगम अधिकारियों पर सहयोग न करने का आरोप मढ़ते रहे हैं।
  • हालांकि कूड़ा उठान और निस्तारण को लेकर पिछले कुछ समय से जिम्मेदारों ने गंभीरता दिखाई, लेकिन अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आया।

नगर निगम को मिला बेस्ट गंगा टाउन अवार्ड

इस बीच सफाई के अलावा कूड़े के वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण को लेकर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने हरिद्वार नगर निगम को बेस्ट गंगा टाउन अवार्ड के लिए चयनित किया है, जो शहरवासियों के लिए सुकून की बात है।

नई दिल्ली में आयोजित अवार्ड वितरण कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को अवार्ड प्रदान किया। इस अवसर पर महापौर अनिता शर्मा, नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती, सहायक नगर आयुक्त एमएल शाह आदि मौजूद रहे।

महापौर अनिता शर्मा ने नगर निगम हरिद्वार की इस उपलब्धि का श्रेय शहर की जनता और नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों की मेहनत को दिया है। इस साल जनवरी से मार्च के बीच आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय अंतर्गत क्वालिटी कंट्रोल आफ इंडिया की टीम ने औचक निरीक्षण कर शहर की सफाई समेत अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया था।

वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का उठान और निस्तारण

दयानंद सरस्वती (नगर आयुक्त, नगर निगम, हरिद्वार) ने कहा कि सभी वार्डों से वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का उठान और निस्तारण कराया जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग सुधरने की उम्मीद थी, लेकिन अपेक्षित परिणाम नहीं आए हैं। इसकी क्या वजह रही इस पर मंथन कर रैंकिंग में सुधार के प्रयास किए जाएंगे। नगर निगम हरिद्वार को बेस्ट गंगा टाउन अवार्ड मिला है। स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग को लेकर प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय से मिलेगा।

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