बढ़ने वाली है गन्ना किसानों की परेशानी, विभाग ने नियमों को किया कड़ा; पढ़िए पूरी खबर
गन्ने की अधिकता और चीनी मिल के पेराई सत्र पर बने संशय के चलते विभाग ने नियमों को कड़ा कर दिया है। इस बार किसान को निर्धारित तारीख पर ही गन्ने की तोल करानी होगी।
रुड़की, जेएनएन। इस बार किसानों की परेशानी बढ़ने वाली है। गन्ने की अधिकता और चीनी मिल के पेराई सत्र पर बने संशय के चलते विभाग ने नियमों को कड़ा कर दिया है। इस बार किसान को निर्धारित तारीख पर ही गन्ने की तोल करानी होगी। गन्ना समितियां उस पर तारीख नहीं बदल सकेंगी, बल्कि उन्हें दूसरी पर्ची जारी होगी। इसके अलावा तय वजन से अधिक गन्ना तोलने पर उस गन्ने को दूसरी पर्चियों में समायोजित किया जाएगा।
इकबालपुर चीनी मिल पर अभी संशय के बादल बने हुए हैं। इसकी वजह से ही गन्ना विभाग ने इकबालपुर मिल के 50 क्रय केंद्र दूसरी चीनी मिलों को आवंटित कर दिए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि चीनी मिलों को इस बार भरपूर मात्रा में गन्ने का आवंटन होगा। इसी बीच गन्ना विभाग की ओर से नियमों को कड़ा किया गया है। सहायक गन्ना आयुक्त शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि अब सीजन के बीच में किसी भी किसान की पर्ची ट्राली या मिनी ट्राली आदि में परिवर्तित नहीं की जाएगी। साथ ही किसान को निर्धारित तिथि पर ही तोल कराना होगा।
किसान को पर्ची के संबंध में पहले ही एसएमएस से सूचना मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि कोई किसान निर्धारित वजन से ज्यादा गन्ने की तोल कराता है तो ओवरवेट को दूसरी पर्चियों में समायोजित कर दिया जाएगा। पर्ची की वैधता समाप्त होने के बाद उसको गन्ना समितियां या मिल वैध नहीं करेंगे, वरन किसान की वह पर्ची जमा कर दूसरी पर्ची जारी की जाएगी। सभी समितियों और चीनी मिलों में पूछताछ केंद्र भी खोला गया है। किसान अपनी समस्या का समाधान करा सकता है।
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बढ़ेगी किसानों की परेशानी
वहीं, इकबालपुर चीनी मिल को कोई भी किसान गन्ना देना नहीं चाहता है। इकबालपुर चीनी मिल औसतन एक सीजन में 40 लाख कुंतल गन्ने की पेराई कर रही है। ऐसे में 40 लाख कुंतल गन्ने की पेराई करना भी सबसे बड़ी चुनौती है।
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