गन्ने को बचाने के लिए रात में पहरा दे रहे किसान
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: हाथियों से गन्ने की फसल को बचाने के लिए वन विभाग से निराश किसानों क
संवाद सहयोगी, हरिद्वार: हाथियों से गन्ने की फसल को बचाने के लिए वन विभाग से निराश किसानों को अब खुद ठंड में रातभर पहरा देना पड़ रहा है। इस दौरान फसल को बचाने के चक्कर में उनकी जान को भी हाथियों से खतरा रहता है। इसके बावजूद किसान फसलों को हाथियों से नहीं बचा पा रहे हैं। इससे किसानों ने गश्त बढ़ाए जाने के साथ ही नष्ट फसलों के मुआवजे के देने की मांग की है।
गंगा और वन क्षेत्र से सटे गांव बिशनपुर, कुंडी, कटारपुर, रानीमाजरा, फेरूपुर आदि के किसानों की ओर से गन्ने की फसल की बुआई की गई है। किसान कुछ दिन में पककर तैयार हो चुकी फसल को काटकर कोल्हुओं और शुगर मिलों में पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन हाथियों ने इससे पहले ही फसलों को तबाह करना शुरू कर रखा है। दरअसल, गंगा पार कर जंगलों से निकलकर हाथियों के झुंड रोजाना गन्ने के खेतों में पहुंच रहे हैं, जो किसानों की फसलों को रौंद कर बर्बाद कर रहे हैं। वन विभाग की ओर से हाथियों को रोक नहीं पाने से आस छोड़ चुके किसान अब स्वयं रातभर पहरा दे रहे हैं। उन्हें ठंड में गन्ने के खेतों के किनारों पर आग जलाकर पहरा देना पड़ रहा है। इस दौरान हाथियों से उनकी जान को भी खतरा बना रहता है, क्योंकि हाथी इस दौरान उन पर भी हमला कर सकते हैं। जिसमें उनकी जान तक जा सकती है, लेकिन अपनी खून-पसीने की मेहनत से तैयार की गई फसल को बचाने के लिए मजबूरन किसानों को रातभर पहरा देना पड़ रहा है। किसान राजपाल, ऋषिपाल, मिथुन, पवन सरदार, संजय सरदार, अमित चौहान, राकेश सैनी, पंकज चौहान, मोहल्ड प्रधान का कहना है कि वन विभाग तो हाथियों पर रोक लगा ही नहीं पा रहा है। उन्हें नष्ट फसल का मुआवजा भी दिया जाए।