कैमिस्ट्री लैब में प्रयोग के दौरान हाथ से छूटी एसिड की बोतल, छात्र झुलसा
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की कैमिस्ट्री लैब में प्रयोग के दौरान एसिड की बोतल गिरने से अफरातफरी मच गई।
हरिद्वार, जेएनएन। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की कैमिस्ट्री लैब में प्रयोग के दौरान एसिड की बोतल गिरने से अफरातफरी मच गई। एसिड के छींटे पड़ने से भगवानपुर क्षेत्र निवासी कैमिस्ट्री प्रथम वर्ष का छात्र झुलस गया। आनन-फानन उसे पहले आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे कनखल स्थित आरके मिशन अस्पताल भेज दिया गया। डॉक्टरों ने उपचार के बाद छात्र को डिस्चार्ज कर दिया। रजिस्ट्रार के निर्देश पर कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के दो शिक्षकों की निगरानी में उसे उसके घर पहुंचाया गया।
इधर, घटना को लेकर छात्र नेताओं ने विवि प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। छात्र नेताओं का कहना है कि छात्र संख्या के लिहाज से लैब की क्षमता कम होने के चलते ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
भगवानपुर क्षेत्र निवासी छात्र शोएब अख्तर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यसालय के बीएससी कैमिस्ट्री प्रथम वर्ष का छात्र है। शनिवार दोपहर लैब में प्रयोग के दौरान एसिड की बोतल उसके हाथ से छूट गई। उसे लपकने के दौरान एसिड के छींटे उसके मुंह, कपड़े आदि पर पड़ गये। जलन की शिकायत पर आनन-फानन लैब कर्मी उसे आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे । जहां प्राथमिक उपचार दिलाने के बाद उसे कनखल के बंगाली अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों के उपचार के बाद छात्र को डिस्चार्ज कर दिया।
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प्रभारी रजिस्ट्रार के निर्देश पर रसायन विज्ञान विज्ञान के दो शिक्षकों की निगरानी में छात्र को उसके घर भेज दिया गया। इधर, इस घटना को लेकर छात्र नेता अक्षय सैनी, रमन सिंह, हेमंत राय, नकुल मलिक ने आदि ने विवि प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। छात्र नेताओं का कहना था कि कैमिस्ट्री लैब में पहले 44 छात्रों के प्रयोग की क्षमता थी लेकिन अब यह संख्या 57 हो गई है। छात्र संख्या के लिहाज से लैब की क्षमता कम होने से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से इंकार नहीं किया जा सकता है।
विवि के प्रभारी रजिस्ट्रार प्रो. पीसी जोशी ने बताया कि प्रयोग के दौरान एसिड की बोतल छात्र के हाथ से छूट गई। उसे लपकने के दौरान एसिड की कुछ बूंदें उसे चेहरे पर पड़े। आनन-फानन उसे प्राथमिक उपचार दिला कनखल आरके मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। रसायन विज्ञान विभाग के दो शिक्षकों के साथ उसे उसके घर भगवानपुर भिजवा दिया गया।
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